- संगठन का नाम एवं पता
कोल इंडिया लिमिटेड (एक महारत्न कंपनी)
कोल भवन परिसर क्रमांक 04 एमएआर
प्लॉट नंबर एएफ-III, एक्शन एरिया-1ए
न्यूटाउन, राजरहाट, कोलकाता-700156
सीआईएन: L23109WB1973GOI028844
- संगठन का प्रमुख
श्री पी. एम. प्रसाद
अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक, कोल इण्डिया लिमिटेड
- विजन, मिशन तथा मुख्य उद्देश्य
विजन - प्राथमिक ऊर्जा क्षेत्र में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में उभरना, खान से बाजार तक सर्वोत्तम प्रथाओं के माध्यम से पर्यावरणीय और सामाजिक रूप से सतत विकास प्राप्त कर देश को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता।
मिशन - सुरक्षा, संरक्षण और गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण-अनुकूल तरीके से कुशलतापूर्वक और आर्थिक रूप से कोयला और कोयला उत्पादों की नियोजित मात्रा का उत्पादन तथा विपणन करना।
- कोई अन्य विवरण- विभाग की उत्पत्ति, स्थापना, गठन तथा समय-समय पर विभागाध्यक्षों के साथ समय-समय पर समितियों के गठन के बारे में भी बताया गया है।
सरकार की राष्ट्रीय ऊर्जा नीति के तहत 1970 के दशक में भारत में कोयला खदानों पर लगभग पूर्ण राष्ट्रीय नियंत्रण दो चरणों में हुआ। कोकिंग कोल माइंस (आपातकालीन प्रावधान) अधिनियम 1971 को सरकार द्वारा 16 अक्टूबर 1971 को प्रख्यापित किया गया था, जिसके तहत आईआईएससीओ, टिस्को और डीवीसी की कैप्टिव खदानों को छोड़कर, भारत सरकार ने सभी 226 कोकिंग कोल खदानों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया और 1 मई, 1972 को उनका राष्ट्रीयकरण कर दिया। इस प्रकार भारत कोकिंग कोल लिमिटेड का जन्म हुआ। इसके अलावा 31 जनवरी 1973 को कोयला खान (प्रबंधन का अधिग्रहण) अध्यादेश 1973 की घोषणा करके केंद्र सरकार ने सभी 711 गैर-कोकिंग कोयला खदानों का प्रबंधन अपने हाथ में ले लिया। राष्ट्रीयकरण के अगले चरण में 1 मई 1973 से इन खदानों का राष्ट्रीयकरण कर दिया गया तथा इन गैर-कोकिंग खदानों के प्रबंधन के लिए कोल माइन्स अथॉरिटी लिमिटेड (सीएमएएल) नामक एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी का गठन किया गया। बोर्ड की उप-समितियाँ हैं:-
- लेखा परीक्षा समिति
- कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व समिति
- जोखिम प्रबंधन समिति
- हितधारक संबंध समिति
- स्वतंत्र निदेशक समिति
- शेयर हस्तांतरण समिति
- नामांकन और पारिश्रमिक समिति