Shri B. Veera Reddy
निदेशक(तकनीकी) निदेशक (वित्त)-अतिरिक्त प्रभार
श्री प्रमोद अग्रवाल (58) (डीआईएन– 00279727) भारतीय प्रशासनिक सेवा, 1991 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के अधिकारी श्री प्रमोद अग्रवाल ने 01 फरवरी, 2020 को विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया । इस वृहद महारत्न कोयला खनन कंपनी के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने से पहले, वे मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास और रोजगार विभाग तथा श्रम विभाग के प्रधान सचिव थे । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई (1986) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक श्री अग्रवाल ने आईआईटी, दिल्ली (1988) से डिजाइन इंजीनियरिंग (एम.टेक) में स्नातकोत्तर किया है । देश के सम्पूर्ण कोयला उत्पादन का 83% उत्पादन करने वाली कंपनी का प्रभार संभालने पर, श्री अग्रवाल ने अपनी प्राथमिकता को रेखांकित किया, जिसमें उन्होंने “बदलते परिदृश्य में कोल इंडिया को प्रतिस्पर्धी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य व्यवसाय इकाई बनाने के लिए, परिचालन दक्षता को बढ़ाने और उत्पादन की लागत को कम करने पर अधिक जोर दिया । यथासंभव उच्च कोयला उत्पादन के साथ कोयला आयात में कमी की जाएगी ।” श्री अग्रवाल के पास लोक प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का 28 साल का प्रशासनिक कौशल है, उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं परिवहन विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया । वे मध्य प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे हैं । उन्होंने मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक और मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी है। वे मध्य प्रदेश के मुरैना और महासमुंद जिले के कलेक्टर भी रहे हैं । श्री अग्रवाल समृद्ध प्रबंधकीय अनुभव के साथ कोल इंडिया लिमिटेड से जुड़े हैं । उन्होंने संयुक्त सचिव के रुप में विनिवेश विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और निदेशक के रूप में भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय में भी कार्य किया है । श्री अग्रवाल ने ड्यूक विश्वविद्यालय, रैले, यूएसए से प्रोजेक्ट अप्रेजल एंड रिस्क मैनेजमेंट, आईएलओटीसी ट्यूरिन से मैनेजमेंट ऑफ टेकनिकल को-ऑपरेशन प्रोजेक्ट्स; आईआईएम, अहमदाबाद से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंसिंग प्रोग्राम; आईआईएम, बैंगलोर से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड मैनेजमेंट; रॉयल मेलबोर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेलबर्न से स्टडी ऑन रोड मैनेजमेंट पॉलिसीज एंड प्रेक्टिसेज, में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है । श्री अग्रवाल को कई पत्र प्रकाशन का श्रेय हासिल हैं जैसे "मध्य प्रदेश में ग्रामीण सड़क परियोजना को लागू करना" और "मध्य प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत खरीद सुधार" । श्री अग्रवाल, पीएमजीएसवाई परियोजना के लिए किए गए असाधारण कार्यों के लिए "आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अवार्ड", "मुरैना जिले के
कलेक्टर के रूप में काम करते हुए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए रेड क्रॉस स्पेशल अवार्ड" के प्राप्तकर्ता हैं । इनके पास सीआईएल का कोई शेयर नहीं है ।
श्री प्रमोद अग्रवाल (58) (डीआईएन– 00279727) भारतीय प्रशासनिक सेवा, 1991 बैच के मध्यप्रदेश कैडर के अधिकारी श्री प्रमोद अग्रवाल ने 01 फरवरी, 2020 को विश्व की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया । इस वृहद महारत्न कोयला खनन कंपनी के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने से पहले, वे मध्य प्रदेश सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग, कौशल विकास और रोजगार विभाग तथा श्रम विभाग के प्रधान सचिव थे । भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई (1986) से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक श्री अग्रवाल ने आईआईटी, दिल्ली (1988) से डिजाइन इंजीनियरिंग (एम.टेक) में स्नातकोत्तर किया है । देश के सम्पूर्ण कोयला उत्पादन का 83% उत्पादन करने वाली कंपनी का प्रभार संभालने पर, श्री अग्रवाल ने अपनी प्राथमिकता को रेखांकित किया, जिसमें उन्होंने “बदलते परिदृश्य में कोल इंडिया को प्रतिस्पर्धी, आर्थिक रूप से व्यवहार्य व्यवसाय इकाई बनाने के लिए, परिचालन दक्षता को बढ़ाने और उत्पादन की लागत को कम करने पर अधिक जोर दिया । यथासंभव उच्च कोयला उत्पादन के साथ कोयला आयात में कमी की जाएगी ।” श्री अग्रवाल के पास लोक प्रशासन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने का 28 साल का प्रशासनिक कौशल है, उन्होंने मध्यप्रदेश सरकार में शहरी विकास और आवास विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग, लोक निर्माण विभाग एवं परिवहन विभाग में प्रधान सचिव के रूप में कार्य किया । वे मध्य प्रदेश वित्त निगम के प्रबंध निदेशक भी रहे हैं । उन्होंने मध्य प्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक और मध्य प्रदेश ग्रामीण विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दी है। वे मध्य प्रदेश के मुरैना और महासमुंद जिले के कलेक्टर भी रहे हैं । श्री अग्रवाल समृद्ध प्रबंधकीय अनुभव के साथ कोल इंडिया लिमिटेड से जुड़े हैं । उन्होंने संयुक्त सचिव के रुप में विनिवेश विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार और निदेशक के रूप में भारत सरकार के युवा मामले और खेल मंत्रालय में भी कार्य किया है । श्री अग्रवाल ने ड्यूक विश्वविद्यालय, रैले, यूएसए से प्रोजेक्ट अप्रेजल एंड रिस्क मैनेजमेंट, आईएलओटीसी ट्यूरिन से मैनेजमेंट ऑफ टेकनिकल को-ऑपरेशन प्रोजेक्ट्स; आईआईएम, अहमदाबाद से इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड फाइनेंसिंग प्रोग्राम; आईआईएम, बैंगलोर से इन्फ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग एंड मैनेजमेंट; रॉयल मेलबोर्न इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, मेलबर्न से स्टडी ऑन रोड मैनेजमेंट पॉलिसीज एंड प्रेक्टिसेज, में व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त किया है । श्री अग्रवाल को कई पत्र प्रकाशन का श्रेय हासिल हैं जैसे "मध्य प्रदेश में ग्रामीण सड़क परियोजना को लागू करना" और "मध्य प्रदेश में पीएमजीएसवाई के तहत खरीद सुधार" । श्री अग्रवाल, पीएमजीएसवाई परियोजना के लिए किए गए असाधारण कार्यों के लिए "आवास और शहरी विकास निगम (हुडको) द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अवार्ड", "मुरैना जिले के
कलेक्टर के रूप में काम करते हुए मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के लिए रेड क्रॉस स्पेशल अवार्ड" के प्राप्तकर्ता हैं । इनके पास सीआईएल का कोई शेयर नहीं है ।
निदेशक(तकनीकी) निदेशक (वित्त)-अतिरिक्त प्रभार
श्री बी वीरा रेड्डी [58] [DIN08679590] जी ने 1 फरवरी 2022 से निदेशक (तकनीकी), सीआईएल का पदभार ग्रहण किया है। इससे पहले वे 01.01.2020 से 31.01.2022 तक ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के प्रचालन में निदेशक (तकनीकी) के रूप में कार्यरत थें। उन्होंने वर्ष 1986 में उस्मानिया विश्वविद्यालय के कोठागुडेम स्कूल ऑफ माइन्स से खनन में प्रौद्योगिकी स्नातक (बी.टेक) किया है और वर्ष 1990 में उन्हें खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) द्वारा प्रथम श्रेणी का प्रबंधक योग्यता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है। वर्ष 2000 में उन्होंने कोठागुडेम स्कूल ऑफ माइन्स, उस्मानिया विश्वविद्यालय से खान आयोजना (माइन प्लानिंग) में प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर (एम.टेक) भी किया है। श्री रेड्डी जी ने वर्ष 1987 में सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड (एससीसीएल) में कार्यभार ग्रहण किया और उन्हें कोयला खनन, आयोजना, प्रापड़ और प्रचालन में 32 वर्ष से अधिक का अनुभव है। उन्होंने यांत्रिक भूमिगत और विवृत खानों और सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के कॉर्पोरेट प्रोजेक्ट प्लानिंग विभाग में विभिन्न क्षमताओं में काम किया है। ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के निदेशक (तकनीकी) प्रचालन के रूप में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व उन्होंने सिंगरेनी कोलियरीज कंपनी लिमिटेड के एड्रियाला लॉन्गवॉल प्रोजेक्ट एरिया के महाप्रबंधक के रूप में भी काम किया है। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध)
श्री विनय रंजन ने 28 जुलाई, 2021 से निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध), कोल इंडिया लिमिटेड के रूप में कार्यभार संभाला। श्री रंजन एक प्रदर्शन केंद्रित जनमुखी पेशेवर हैं, जिनको मानव संसाधन के संपूर्ण क्षेत्र जिसमें वृह्द स्तर पर लेटेरल/कैंपस हायरिंग, प्रतिभा प्रबंधन, प्रदर्शन प्रबंधन, नियोक्ता ब्रांडिंग, मुआवजा प्रबंधन एवं बेंच-मार्किंग, परिवर्तन प्रबंधन, सांस्कृतिक निर्माण, कार्मिक संलग्नता, कार्मिक संबंध, एचआरआईएस, कार्मिक उत्पादकता तथा अधिगम एवं विकास में व्यापक वर्षों का अनुभव प्राप्त है । उन्होंने विदेशी व्यापारिक संस्थाओं को भी सफलतापूर्वक मानव संसाधन सहायता प्रदान किए है। वे दो एसएपी एचआर कार्यान्वयन के संपूर्ण प्रक्रिया में भागीदार थे। उन्होंने टाटा कम्युनिकेशन (पूर्ववर्ती वीएसएनएल) में एसएपी एचआर कार्यान्वयन के संपूर्ण प्रक्रिया में टीम का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने संपूर्ण एसएपी एचसीएम मॉड्यूल के कार्यान्वयन हेतु वीएसएनएल एचआर और टीसीएस से गठित 8 सदस्यीय टीम का नेतृत्व किया। वह वीएसएनएल से प्रतिनियुक्ति पर टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) एसएपी एचआर कार्यान्वयन टीम का भी हिस्सा थे ।
कुशल एवं उच्च उत्पादक श्रमबल को विकसित करने और उसका नेतृत्व करने की क्षमता के साथ वे एक प्रभावशाली मार्गदर्शक हैं। उनमें हितधारक प्रबंधन के उत्कृष्ट कौशल हैं तथा वे विगत 5 वर्षो से प्रमोटरों के साथ सीधे काम कर रहे हैं। वे सेवा प्रदाता एवं निष्पादन के उच्च स्तरीय चेतना के साथ अपनी अखंडता और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनमें सशक्त पारस्परिक संचार और समझौता वार्त्ता का कौशल भी हैं। 29 जुलाई, 2016 को फॉनटेनब्लियू परिसर, फ्रांस में आयोजित भव्य स्नातक समारोह में पाठ्यक्रम के सफल समापन पर वे आईएनएसईएडी (INSEAD) के भूतपूर्व छात्र बने।
जब दैनिक भास्कर समूह का विभाजन हुआ और 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ दो बड़े ताप विद्युत संयंत्र बनाने का निर्णय लिया गया, तब श्री विनय रंजन डीबी पावर लिमिटेड (दैनिक भास्कर समूह की कंपनी) के एचआर - कॉर्पोरेट प्रमुख थे।
निदेशक (व्यवसाय विकास)
श्री देबाशीष नंदा ने 11 जुलाई 2022 से कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक - व्यवसाय विकास के रूप में पदभार ग्रहण किया है । इससे पहले, वे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में कार्यकारी निदेशक (गैस) के रूप में कार्यरत थे। यूसीई बुर्ला , संबलपुर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक, श्री नंदा आरईसी राउरकेला से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उन्होंने आईआईएफटी, नई दिल्ली से इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। श्री नंदा ने 1988 में मार्केटिंग डिवीजन में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ज्वाइन किया और सर्वो लुब्रिकेंट्स के मार्केटिंग में 11 साल बिताए । इसके बाद, वह 1999 में बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप में चले गए । उन्होंने 2009 में इंडियन ऑयल के गैस बिजनेस में जाने से पहले विदेशों में ल्यूब बिजनेस का विस्तार, पीओएल का निर्यात, इंडियन ऑयल की सहायक कंपनियों की स्थापना आदि सहित बिजनेस डेवलपमेंट गतिविधियों में काम कार्य किया है। श्री नंदा ने इंडियन ऑयल के 'प्राकृतिक गैस' व्यवसाय का नेतृत्व किया, जिसका कारोबार 20,000 करोड़ रुपये का है। उन्होंने प्राकृतिक गैस कारोबार में इंडियन ऑयल की पैठ बढ़ाने के लिए कई मजबूत रणनीतियां विकसित की । उन्होंने MoP&NG, PNGRB और अन्य उद्योग निकायों के साथ संपर्क करने के लिए विभिन्न विविध पदों को भी संभाले है। उन्होंने यूएस-इंडिया एनर्जी टास्क फोर्स की अध्यक्षता की, बांग्लादेश और श्रीलंका को पाइपलाइन आरएलएनजी निर्यात पर काम का नेतृत्व किया और उन्हें यूरिया संयंत्रों के लिए एचपी-एचटी घरेलू गैस के एग्रीगेटर का दर्जा दिया गया।
निदेशक (विपणन)
श्री मुकेश चौधरी ने 23 दिसंबर, 2022 (अपराह्न) से सरकारी स्वामित्व वाली महारत्न कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निदेशक (विपणन) के रूप में पदभार ग्रहण किया। सीआईएल विपणन प्रभाग के शीर्ष स्थान की कमान संभालने से पूर्व, वे विभाग, रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग के उप महानिदेशक थे। श्री चौधरी ने सीआईएल के निदेशक (तकनीकी) डॉ. बी. वीरा रेड्डी से पदभार ग्रहण किया, जो इस वर्ष मई से निदेशक (विपणन) का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (आईओएफएस) 1996 बैच के एक अधिकारी, श्री चौधरी अभियंत्रिकी महाविद्यालय, कोटा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ऑनर्स) स्नातक हैं। उनके पास मास्टर ऑफ फाइनेंशियल एनालिसिस (एमएफए) और एमबीए की उपाधि भी है। सीआईएल के लिए महत्वपूर्ण रूप से, श्री चौधरी देश की कोयला मांग आपूर्ति श्रृंखला की सूक्ष्मतर बारीकियों और कोयला मंत्रालय में निदेशक (कोयला उत्पादन और प्रेषण) के रूप में जहां उनके कार्यों में कोयले की आपूर्ति, परिवहन रसद और विपणन नीतियों की निगरानी करना शामिल था, अपने साढ़े छह साल के अनुभव के आधार पर सीआईएल के विपणन प्रणाली से भली-भाँति अभिज्ञ हैं। उन्होंने सरकारी स्वामित्व वाली तीन कोयला कंपनियों - एमसीएल, एसईसीएल, एनएलटीपीएल, एनसीएल, एससीसीएल और सीएमडीपीआई के बोर्डों में भी काम किया। ऐसे समय में जब विशेष रूप से प्रमुख कोयला खपत करने वाले बिजली क्षेत्र के लिए, सीआईएल की कोयला आपूर्ति कीर्तिमान उच्च स्तर पर पहुंच गई है, और देश में बिजली उत्पादन में वृद्धि के कारण जहाँ कोयले की मांग बढ़ने की उम्मीद है, श्री चौधरी का अनुभव चुनौतीपूर्ण विषयों से निपटने में सहायक होगा।
अतिरिक्त सचिव कोयला मंत्रालय
Shri Vinod Kumar Tiwari, Additional Secretary, Ministry of Coal, Government of India, is a 1986 batch Indian Forest Service officer of HP Cadre, holds double masters in Geology and in Forestry besides certificate in German language. In his career spanning over three decades, he served in various positions (HRD, IT, Legal, Personnel, Environment, Social and RR and M&E) in his cadre before his appointment (April, 2017) as Joint Secretary in Ministry of Tribal Affairs, Government of India. He has served State Power Sector in various capacities for a decade including directorship in HP State PSU engaged in power generation. He has worked extensively in landscape level hydropower SEA and basin level CEIA. He has streamlined NGO grants process while making it an end-to-end online solution during his stint in Ministry of Tribal Affairs, Govt. of India. He was instrumental in bringing Eklavya Model Residential Schools for Tribal Students under Centre’s umbrella with enhanced and assured support not only for education but also for the overall development of students. He has voluntarily done two year’s stint in climatically harsh, remote and difficult tribal area in trans-Himalayan region. He has passion for reforms and improvements.
He has been pivotal in the development of several important policies in State Power Sector, State’s Environment and Forest Sector; Forest Sector Review and Forest Sector Reforms: besides CDM Project, WCD Compliance, EIA, EMP preparation and compliance monitoring etc. for Environment Management and on the tribal welfare and tribal development. He has been instrumental in registration of major CDM projects of hydro power sector under UNFCC mechanism and also done WCD compliance besides various due diligences for CERPA/ERPA/carbon trading.
In his current assignment (from April, 2019) in the Coal Sector (including lignite), he has played important role in the sector’s reforms, opening up the sector for commercial mining, reforms of coal blocks auction regime; coal mining laws review and amendments; coal exploration planning; coal block identification with sustainability parameters; pricing issues; development of National Coal Index; ease of doing business; operationalization of coal blocks including clearances and land acquisition; mining plan process simplifications and switching to online approvals and linking with other offices and ministries; substituting the mandatory registration of the mine plan preparation person or agency with self-declaration; introducing accreditation systems for voluntary use; delegation of mine plans approval and creating appeals provision; mine closure; coal production and supply monitoring, rationalization of coal linkages; demand forecasting; coal off-take logistics; synergy with power sector; launch of coal import monitoring system to replace substitutable coal imports; Clean Coal Technologies: coal gasification; Sustainable Development Cell in coal ministry; CSR activities; just mine closure keeping demand for just transition in view etc.
He is on the Board of Directors and Coal India Limited and Northern Coalfields Limited and also did a term on the Board of Directors of NLC India Limited.
He is Vice-Chair of Global Methane Initiative Steering Committee and Member of International Organization Committee of World Mining Congress and heads its Indian National Committee’s Executive Body.
He has travelled far and wide and is trained in various subjects in India and abroad. He has been a visiting faculty in training academies of various services. He has written reports on reforms and rationalization and he has been contributing articles to newspapers and magazines.
,JS & FA, MOC
श्रीमती निरुपमा कोट्रु (52) (डीआईएन– 03575641) संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, एमओसी, 1992 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) की एक अधिकारी हैं। 28 जनवरी, 1969 को जन्मीं निरुपमा कोट्रू ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एमए किया है। उन्होंने टेरी यूनिवर्सिटी, दिल्ली से पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट में एमए भी किया है। सुश्री कोट्रू ने मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और पुणे में आयकर विभाग में विभिन्न कार्यों में कार्य किया है और आयकर विभाग के अंतर्राष्ट्रीय कराधान निदेशालय की स्थापना में शामिल थीं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में निदेशक (ई गवर्नेंस) के रूप में, उन्होंने पुरस्कार विजेता MCA21 कॉर्पोरेट फाइलिंग सिस्टम का संचालन किया। मानेसर में भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान की स्थापना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय में निदेशक (फिल्म) के रूप में, उन्होंने एनएफडीसी, फिल्म डिवीजन, राष्ट्रीय फिल्म संग्रह और फिल्म समारोह निदेशालय जैसी मीडिया इकाइयों के प्रशासन और फिल्मों से संबंधित सभी नीतिगत मामलों को देखा। कुछ समय पहले तक उन्हें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार में संयुक्त सचिव के रूप में तैनात किया गया था, जहाँ उन्होंने साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी जैसी प्रतिष्ठित अकादमियों के साथ-साथ राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली, विक्टोरिया मेमोरियल संग्रहालय और भारतीय संग्रहालय, कोलकाता जैसे प्रसिद्ध संग्रहालयों को देखा । इन्हें प्रशासन के साथ-साथ कराधान के विभिन्न क्षेत्रों में अपना विविध अनुभव हासिल है। इनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है ।
सीए दिनेश सिंह (52) [डीआईएन - 08038875] – जी 1 नवंबर, 2021 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त हुए है। श्री दिनेश सिंह जी "द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया" (आईसीएआई) के एक साथी सदस्य हैं और एसीसीएमएएन बिजनेस स्कूल के उपाध्यक्ष हैं। वे यूजीसी, डीईसी और एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित ईआईआईएलएम विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी से व्यवसाय प्रशासन निष्णात (एमबीए) हैं और उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्रथम श्रेणी से वाणिज्य स्नातक (प्रवीण) भी किया है। वे एएससी एंड एसोसिएट्स, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स के वरिष्ठ भागीदार हैं। उन्होंने दिसंबर 2017 से मार्च 2020 तक बोर्ड ऑफ यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्य किया है। बोर्ड ऑफ यूनाइटेड बैंक द्वारा उन्हें लेखा परीक्षा समिति के अध्यक्ष और हितधारक संबंध समिति, नामांकन समिति, ग्राहक सेवा समिति, आईटी उप-समिति, और चुनाव समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया। वे आईबीबीआई द्वारा मान्यता प्राप्त एक आरवीओ, इंटरनेशनल बिजनेस वैल्यूअर्स एसोसिएशन (आईबीवीए) के संस्थापक निदेशक हैं। उनके पास भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न उद्योगों में ग्राहकों की सेवा करने का 20 से अधिक वर्षों का विविध अनुभव है। सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में लेखापरीक्षण, कराधान, परियोजना वित्तपोषण, प्रबंधन परामर्श और व्यवसाय संबंधी अन्य परामर्श सहायता सेवाओं में 20 वर्ष से अधिक की अवधि की उनकी विशेषज्ञता है। उन्होंने 15 वर्ष से अधिक समय तक कई सरकारी विभागों, जैसे कि बागवानी विभाग, रेशम उत्पादन विभाग, पशुपालन विभाग, उत्तर प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड, लोक निर्माण विभाग निदेशालय और उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन अन्य संगठनों के लेखाकारों और वित्त अधिकारियों को लेखा और वित्त के विभिन्न क्षेत्रों में वित्त सलाहकार के रूप में प्रशिक्षण प्रदान करने कार्य किया है। एसीसीएमएएन बिजनेस स्कूल के उपाध्यक्ष के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान, वे प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्रों के संबंध में रणनीतिक इनपुट प्रदान करने और उनका निरीक्षण करने के कार्य में सक्रिय रूप से संलग्न थे। उन्हें अध्यापन का भी व्यापक अनुभव है। वे बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं, क्रेडिट मूल्यांकन और जोखिम प्रबंधन, वित्तीय लेखांकन, व्यवसाय के विधिक पक्ष, परियोजना योजना मूल्यांकन और नियंत्रण, और प्रबंधन लेखांकन और नियंत्रण जैसे विषयों को पढ़ाते हैं। वे द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली की अनुसंधान एवं विकास समिति के सदस्य और द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया, नई दिल्ली के उद्योग और व्यवसाय में सदस्य समिति के सदस्य भी हैं।
प्रो. जी. नागेश्वर राव [64] [डीआईएन 08461461] जी 1 नवंबर, 2021 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त हुए है। वे जुलाई 2016 और जुलाई 2019 के दौरान आंध्र विश्वविद्यालय के कुलपति थे। जुलाई 2017 से दिसंबर 2017 तक वे डॉ. बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, एचरला के कुलपति रहे और जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक आंध्र प्रदेश के एक केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय में ज्ञानगुरू (मेंटर) रहें। उन्हें भारत के महामहिम राष्ट्रपति द्वारा मानद कर्नल रैंक से सम्मानित किया गया है। उन्हें वर्ष 2000 में सर्वश्रेष्ठ शोधकर्ता पुरस्कार और वर्ष 2008 में आंध्र विश्वविद्यालय द्वारा डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन सर्वश्रेष्ठ शिक्षाविद पुरस्कार से सम्मानित किया गया है, और आंध्र प्रदेश सरकार ने उन्हें वर्ष 2014 में "राज्य सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार" से सम्मानित किया है। वे 1989 से आंध्र विश्वविद्यालय के संकाय सदस्य रहें हैं। 2019 तक उन्होंने भारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु (मार्च 1990 - फरवरी 1991) और दक्षिण अफ्रीका के डरबन विश्वविद्यालय (अप्रैल 1997 - मार्च 1998) में पोस्ट-डॉक्टरेट शोध किया है। प्रो. राव ने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में 367 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं और 121 सम्मेलनों में भाग लिया है। उन्होंने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, महासागर विकास विभाग, और महासागर और पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित शोध परियोजनाओं को पूरा करने का कार्य किया है। उन्होंने विद्या वाचस्पति (पीएचडी) की डिग्री प्रदान करने के लिए 59 शोधकर्ता विद्वानों का मार्गदर्शन किया है। वे विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के प्रमुख शोध परियोजनाओं के मूल्यांकन के लिए विशेषज्ञ समिति के सदस्य रहे हैं। उन्होंने असिस्टेंट प्रिंसिपल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी महाविद्यालय; मुख्य वार्डन, विज्ञान छात्रावास; अध्यक्ष, अकार्बनिक और विश्लेषणात्मक रसायन विज्ञान विभाग; निदेशक, रसायन विज्ञान स्कूल; एसोसिएट निदेशक, प्रवेश निदेशालय; स्थानन अधिकारी, कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, आंध्र विश्वविद्यालय जैसे विभिन्न पदों पर कार्य किया है। उन्होंने कुलपति के पद की हैसियत से कई एनएएसी समकक्ष टीमों और खोज समितियों के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। प्रो. राव आंध्र प्रदेश के केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, एक केंद्रीय विश्वविद्यालय के कार्यकारी परिषद के सदस्य हैं। वे विद्याभारती, आंध्र प्रदेश के अध्यक्ष भी हैं।
श्री बी राजेश चंदर (49) [डीआईएन- 02065422] जी 1 नवंबर 2021 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त हुए है। श्री राजेश चंदर जी श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, मैसूर से इंजीनियरी में स्नातक (इंजीनियरिंग ग्रेजुएट) हैं। श्री राजेश चंदर जी ने 2015 से 2017 की अवधि के दौरान कोयंबटूर टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उन्होंने 1998 से 2020 तक हितक्कल एस्टेट टी फैक्ट्री में प्रबंधन भागीदार के रूप में भी काम किया है। उन्होंने 2008 से 2020 की अवधि के दैरान ईशा फाउंडेशन में ट्रस्टी / सचिव के पद पर भी कार्य किया है। वे पेशेवर रूप से चाय और कॉफी प्लांटिंग व्यवसाय में भी शामिल हैं। वे लॉरेंस स्कूल, लवडेल (शिक्षा मंत्रालय के अधीन) के बोर्ड ऑफ गवर्नर के सदस्य भी हैं।
श्री पूनंभाई कलाभाई मकवाना (65) [डीआईएन-09385881] जी 2 नवंबर, 2021 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त हुए है। वे 1978 से विज्ञान में स्नातक हैं। वर्तमान में वे एक उद्योगपति और कृषक हैं। वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मोर्चा, भाजपा के कार्यकारी सदस्य, गुजरात सेनवा और रावत विकास संघ के अध्यक्ष और भाजपा गुजरात राज्य के कार्यकारी सदस्य रहे हैं। वे 2012 से 2017 तक दासदा विधानसभा (गुजरात) के विधायक थे, 2015 से 2017 तक गुजरात सरकार के संसद सचिव रहें, 2002 से 2004 तक भाजपा गुजरात प्रदेश के सचिव रहें, 2010-2012 तक गुजरात अति पीछड़ी जाति विकास बोर्ड के अध्यक्ष रहें, 2005 से 2007 तक जीआईडी इंजी. एसोसिएशन, गांधीनगर के अध्यक्ष रहें, गुजरात सरकार के हाई पावर कमेटी, 1985 के सदस्य रहें, 1990 से 1994 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा गांधीनगर (गुजरात) के अध्यक्ष रहें हैं। वे 1998 से 2002 तक गुजरात राज्य हथकरघा विकास निगम में निदेशक रहें हैं और 1982 से 1988 तक गुजरात राज्य नशाबंदी बोर्ड में निदेशक रहें हैं।
सीए कामेश कांत आचार्य (56) [डीआईएन- 09386642] जी 2 नवंबर 2021 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त हुए है। श्री कामेश कांत आचार्य द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के एक साथी सदस्य हैं। उन्हें सांविधिक लेखापरीक्षा, कर लेखापरीक्षा, कर योजना, परामर्शिका, परियोजना वित्तपोषण, कॉरपोरेट फाइनेंस, निधि पुनर्गठन और कर एवं अन्य सरकारी विभागों सहित विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में 20 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वे दिल्ली विश्वविद्यालय से विधि स्नातक (लॉ ग्रेजुएट) भी हैं। उन्हें बैंकिंग, स्थावर संपदा (रियल एस्टेट), डिस्टिलरी, विनिर्माण और प्रसंस्करण उद्योग, परिवहन, स्वास्थ्य और शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने का व्यापक अनुभव है। उन्हें भारतीय रिजर्व बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब और सिंध बैंक, न्यू बैंक ऑफ इंडिया सहित कई बैंकों के साथ काम करने का व्यापक अनुभव है और उन्होंने विभिन्न लेखापरीक्षा के दौरान विभिन्न सार्वजनिक और प्राइवेट लिमिटेड कंपनियों आदि में भी काम किया है। वे एक वरिष्ठ भागीदार के रूप में आचार्य गोयल एंड एसोसिएट्स, चार्टर्ड एकाउंटेंट्स फर्म के साथ भी जुड़े रहें हैं। वे "द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया" के उत्तर भारतीय क्षेत्रीय परिषद में कराधान समितियों और व्यावसायिक विकास समितियों के सदस्य रहें हैं। वे "द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया" और "द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया" से भी जुड़े रहें हैं। वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और अन्य कल्याणकारी धर्मार्थ, रेजीडेंट संगठनों या संघों से जुड़े एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और प्रेरक वक्ता भी हैं। वे राष्ट्रीय वाणिज्य प्रकोष्ठ के सदस्य, जिला कोषाध्यक्ष और भाजपा के वार्ड अध्यक्ष रहें है। वर्तमान में वे भाजपा दिल्ली सीए प्रकोष्ठ के राज्य सह-संयोजक हैं और सतर्कता समिति सर्कल - 58, खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मामले विभाग, दिल्ली एनसीटी सरकार के सदस्य भी हैं।
डॉ अरुण कुमार उरांव (59) [डीआईएन- 09388744] जी कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में 1 नवंबर, 2021 से नियुक्त हुए है। वे 1992 बैच के, पंजाब कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। उन्होंने आईजीपी के पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। उन्हें आईपीएस प्रशिक्षण के दौरान सर्वश्रेष्ठ प्रोबेशनर ट्रॉफी से सम्मानित किया गया था। उन्होंने पंजाब और झारखंड राज्य में एसपी, डीआईजी और आईजीपी के रूप में कार्य किया है। उन्हें आतंकवादी और नक्सल (एलडब्ल्यूई) प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस संबंधी कार्य करने का व्यापक अनुभव है। उन्होंने कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी, यूके से पुलिस एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम पाठ्यक्रम को भी पूरा किया है। इसके अलावा उन्होंने राजेंद्र मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (रिम्स), रांची से आयुर्विज्ञान तथा शल्य चिकित्सा स्नातक (एमबीबीएस) भी किया है। उन्होंने 4 पूर्व प्रधानमंत्रियों की आपातकालीन चिकित्सा टीम में वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी के रूप में भी काम किया है। उन्हें जेएसपीएल, रांची में उपाध्यक्ष के रूप में कार्य करने का अनुभव प्राप्त है। वे अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सलाहकार और पूर्व अध्यक्ष भी रहें हैं। वे कई गांव की तरह झारखंड के तीन जिलों में भी गरीब आदिवासियों के लिए “रत्रि पाठशाला” चला रहे हैं। वे झारखंड में ट्राइबल पुलिस ऑफिसर्स फोरम के संस्थापक हैं और उन्होंने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने, जनजातीय भाषा को बढ़ावा देने और जनजातीय संस्कृति, परंपराओं और मूल्यों का संरक्षण करने के माध्यम से आदिवासियों के कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्य किया है। वे पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आदिवासी प्रवासियों के कल्याण के लिए पंजाब में एक पंजीकृत संगठन 'संघरा' के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने क्रिकेट में सिविल सेवा दिल्ली और पंजाब टीम, रेस्ट ऑफ बिहार, रांची विश्वविद्यालय, रांची जिले के टिम का प्रतिनिधित्व भी किया है। उन्होंने लॉन टेनिस में ऑल इंडिया पुलिस गेम्स चैंपियन, पंजाब पुलिस टीम का प्रतिनिधित्व भी किया है। वे लॉन टेनिस अकादमी, जेएससीए, रांची के निदेशक और गुमला जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष हैं। वे एक राष्ट्रीय कार्यकारी सदस्य और एसटी मोर्चा भाजपा, असम के सह प्रभारी भी हैं।
सीएमडी, सीसीएल
श्री पीएम प्रसाद (57) [डीआईएन-08073913] सीएमडी, सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड जी 9 फरवरी, 2022 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में नियुक्त हुए है। उन्होंने 01/09/2020 को सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) के रूप में कार्यभार संभाला था। उन्हें खनन उद्योग में 37 से अधिक वर्षों का अनुभव है। वे उस्मानिया यूनिवर्सिटी से खनन इंजीनियर हैं। उन्होंने इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (आईआईटी-आईएसएम), धनबाद से 'विवृत खनन' में प्रौद्योगिकी स्नातकोत्तर (एम.टेक) किया है। उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से विधि की डिग्री भी प्राप्त की है। श्री प्रसाद ने 1984 में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) के साथ एक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपना करियर प्रारंभ किया था। 2010 में उन्हें महाप्रबंधक के रूप में एमसीएल में लिंगराज क्षेत्र में, 'कनिहा ओपनकास्ट परियोजना' के सफल उद्घाटन और संचालन की जिम्मेदारी दी गई। मई, 2015 में उन्होंने एनटीपीसी में कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन) के रूप में कार्यभार ग्रहण किया । उन्होंने पकरी बरवाडीह कोयला ब्लॉक (एनटीपीसी की पहली परियोजना) और एनटीपीसी के दुलंगा कोयला ब्लॉक के आबंटन के कार्य को तीव्र गति से संपन्न किया। मार्च 2016 में, उन्होंने पकरी बरवाडीह के कार्यकारी निदेशक सह परियोजना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। उनके कार्यकाल में पकरी बरवाडीह ओसी (20 एमटीवाई) की ग्रीनफील्ड परियोजना का उद्घाटन दृष्टिगत हुआ। फरवरी, 2018 में उन्होंने निदेशक तकनीकी (पी एंड पी) के रूप में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में कार्यभार ग्रहण किया। सीसीएल में कार्यभार ग्रहण करने से पहले, वे भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक थे (सीएमडी) और अगस्त 2019 में उन्होंने इसका कार्यभार ग्रहण कर लिया।
Addl. Member Traffic Transportation Railway
सुश्री जया वर्मा सिन्हा [59] जी भारतीय रेल यातायात सेवा (1986 बैच) से संबंधित हैं। वे 27 सितंबर, 21 से सीआईएल बोर्ड में स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में नियुक्त हुए है। वे वर्तमान में यातायात रेलवे बोर्ड, रेल मंत्रालय में अतिरिक्त सदस्य के रूप में तैनात हैं। उन्हें भारतीय रेलवे के संचालन और नीति नियोजन की जिम्मेदारी दी गई है। रेलवे में 30+ से अधिक वर्षों के अपने करियर में, सुश्री सिन्हा भारतीय रेलवे के प्रबंधन रैंकों के माध्यम से उत्तरोत्तर अधिक जिम्मेदार परिचालन और वाणिज्यिक पदों पर पहुंची हैं। वे दक्षिण पूर्व रेलवे की प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक नियुक्त होने वाली पहली महिला थीं। उन्होंने चार वर्ष तक ढाका, बांग्लादेश में भारतीय उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी काम किया, इस दौरान कोलकाता से ढाका तक मैत्रे एक्सप्रेस का उद्घाटन किया गया। वह मंडल रेल प्रबंधक, सियालदह, पूर्वी रेलवे भी रह चुकी हैं। सुश्री सिन्हा इलाहाबाद विश्वविद्यालय की पूर्व छात्रा हैं।
सीएमडी, एनसीएल
श्री भोला सिंह (58) [डीआईएन-07788963] जी 13 जनवरी, 2022 से सीआईएल बोर्ड में एक स्थायी आमंत्रित सदस्य के रूप में नियुक्त हुए है। उन्होंने 1 जनवरी, 2022 से सीएमडी, एनसीएल का कार्यभार संभाला है। इससे पहले, वे 15 जनवरी 2019 से निदेशक (तकनीकी), सीसीएल के रूप में कार्यरत थें। जनवरी 1964 में जन्मे श्री सिंह ने आईआईटी, खड़गपुर से खनन इंजीनियरी में प्रोद्यौगिकी स्नातक (प्रवीण) किया है। वे प्रतिष्ठित सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के संगठनों में 33 वर्षों के अनुभव के साथ एक पेशेवर खनन इंजीनियर हैं। श्री भोला सिंह ने 1987 में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में स्नातक इंजीनियर प्रशिक्षु के रूप में अपना करियर शुरू किया था। करियर के प्रारंभिक चरण में एनसीएल में काम करते हुए, उन्हें उत्पादन, उत्पादकता, सुरक्षा, पर्यावरण और समग्र खान प्रबंधन में उत्कृष्टता प्राप्त करने में पेशेवर रूप से लाभ हुआ। श्री सिंह ने एनसीएल खानों में कास्ट ब्लास्टिंग और इको-फ्रेंडली इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेशन की शुरुआत की। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ख्याति की पत्रिकाओं में विस्फोटन और शैल खंडन पर कई तकनीकी पत्र प्रकाशित किए हैं। 2008 में, श्री भोला सिंह जी ने छत्तीसगढ़ में एक ग्रीनफील्ड खनन परियोजना के प्रमुख के रूप में एईएस (एक संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित बहुराष्ट्रीय कंपनी) में कार्यभार ग्रहण किया। बाद में, उन्होंने ओडिशा पावर जनरेशन कॉरपोरेशन (ओपीजीसी) को आबंटित मनोहरपुर कोयला ब्लॉक के लिए काम किया। सीसीएल में कार्यभार ग्रहण करने से पूर्व, श्री सिंह के पास सासन पावर लिमिटेड में उस परियोजना में निदेशक के रूप में काम करने का श्रेय हांसिल है, जिसे देश की पहली अल्ट्रा मेगा पावर प्रोजेक्ट (6X660MW) होने का गौरव प्राप्त है और जिसे सिंगरौली, मध्य प्रदेश में एक अत्यधिक यांत्रिक मोहर एंड मोहर अमलोरी एक्सटेंशन कोयला खनन परियोजना के माध्यम से पूरा किया गया है। कार्य के संचालक होने के कारण, श्री सिंह के ऊपर सतत बिजली उत्पादन को बनाए रखने के लिए कोयला वितरण के गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों लक्ष्य को पूरा करने की जिम्मेदारी थी, जिसे उन्होंनें संपूर्ण विश्व में सर्वाधिक सस्ते टैरिफ पर 7 राज्यों में 40 मिलियन से अधिक ग्राहकों को बिजली की आपूर्ति करने की दुर्लभ उपलब्धि हासिल करते हुए पूरा किया। उनके कार्यकाल के दौरान, कोयला खान ने नए बेंचमार्क को छुआ और 2017 में भारत के महामहिम राष्ट्रपति से प्रतिष्ठित राष्ट्रीय सुरक्षा पुरस्कार प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ। नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड को श्री भोला सिंह की पेशेवर कौशल और तकनीकी विशेषज्ञता से अत्यधिक लाभ होने वाला है। वे अपने नेतृत्व कौशल, मुक्त संचार, टीम वर्क और सकारात्मक दृष्टिकोण के माध्यम से संगठन को सर्वाधिक लाभदायक दिशा की ओर उन्मुख करने और उत्कृष्टता की स्थिति में ले जाने के लिए तैयार हैं।
मुख्य सतर्कता अधिकारी, सीआईएल
Shri Brajesh Kumar Tripathy, IRSE, (1996 Exam Batch) has assumed the charge of Chief Vigilance Officer (CVO), Coal India Limited, Kolkata on 16th November 2022. He did Bachelor of Engineering (Civil) from MNREC, Allahabad and Masters of Technology from IIT, Delhi. Before joining CIL he served in the administrative post of Additional Divisional Railway Manager (ADRM) of Asansol Division of Eastern Railway. Earlier, he was instrumental in many vigilance reforms and system improvements while working as Chief Vigilance Officer (Engg.) in Eastern Railway.
Shri Tripathy has vast experience of about 25 years in planning, design and execution of various Railway projects, as well as maintenance and operation of major infrastructure. He has expertise in matters related to establishment, budget, tenders and contract management etc.