श्री विनय रंजन
निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध)
श्री पीएम प्रसाद [डीआईएन: 08073913]: ने 1 जुलाई, 2023 को कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है। इससे पहले, वह 01/09/2020 से सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का प्रभार संभाल रहे थे। श्री प्रसाद को संचालन और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं में 38 वर्षों का अनुभव है। श्री प्रसाद उस्मानिया विश्वविद्यालय से खनन इंजीनियर हैं। उन्होंने धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (आईआईटी-आईएसएम) से 'ओपन-कास्ट माइनिंग' में एमटेक किया। 1988 में, उन्होंने डीजीएमएस से प्रथम श्रेणी खान प्रबंधक प्रमाण पत्र प्राप्त किया। उन्होंने 1997 में नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त की। श्री प्रसाद ने 1984 में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) में एक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपना करियर शुरू किया। कंपनी में विभिन्न भूमिकाओं के माध्यम से आगे बढ़ते हुए उन्होंने समर्पण, कड़ी मेहनत, ईमानदारी और गतिशील नेतृत्व का प्रदर्शन किया और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में लिंगराज क्षेत्र के महाप्रबंधक बन गए। 1994-95 में, उन्होंने डब्ल्यूसीएल में अपनी पोस्टिंग के दौरान भूमिगत आग से प्रभावित डीआरसी खदानों को फिर से खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए, उन्हें 1995 में कोयला सचिव, कोयला मंत्रालय (एमओसी) और अध्यक्ष, कोल इंडिया लिमिटेड से 'सर्वश्रेष्ठ खान प्रबंधक' के रूप में सम्मानित किया गया। एमसीएल में महाप्रबंधक के रूप में अपने सफल कार्यकाल के दौरान, वह मार्च, 2010 से 'कनिहा ओपन कास्ट प्रोजेक्ट' के सफल उद्घाटन और संचालन के लिए जिम्मेदार थे। उन्हें वर्ष 2014-15 में 26.00 मीट्रिक टन के कोयला भंडार को अनलॉक करने के लिए हिंगुला ओपनकास्ट क्षेत्र में नाले के डायवर्जन और तालचेर कोलफील्ड्स में नई रेलवे साइडिंग नंबर 9 की शुरुआत का श्रेय भी दिया जाता है। सुरक्षा के लिए उनका विशेष लगाव है और जिन परियोजनाओं के साथ वह जुड़े थे, उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विभिन्न पुरस्कार जीते हैं, जिनमें दो परियोजनाओं के लिए हैट्रिक शामिल है, अर्थात, पद्मपुर ओपनकास्ट, 1996 और 1998 के बीच डब्ल्यूसीएल और 2004 और 2006 के बीच नंदीरा यूजी माइन, एमसीएल। मई, 2015 में, वह कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन) के रूप में एनटीपीसी में शामिल हुए। उन्हें एमडीओ परियोजनाओं के आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाने और पकरीबरवाडीह कोयला ब्लॉक (एनटीपीसी की पहली परियोजना) प्रदान करने और शेष कोयला ब्लॉकों के लिए एनआईटी जारी करने के लिए सम्मानित किया गया। मार्च 2016 में, उन्होंने हज़ारीबाग़ और झारखंड के कार्यकारी निदेशक-सह-प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पकरीबरवाडीह खदान, हज़ारीबाग़ में कोयला खनन कार्य शुरू करने का नेतृत्व किया। 2016 में उनके कार्यकाल के दौरान, पकरीबरवाडीह को 'स्वर्ण शक्ति पुरस्कार' में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फरवरी 2018 में, वह निदेशक तकनीकी (पी एंड पी) के रूप में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में शामिल हुए। उनके नेतृत्व में एनसीएल को पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए जून 2018 में विश्व पर्यावरण सम्मेलन में सम्मानित किया गया। उन्होंने अगस्त 2019 में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के सीएमडी का पदभार संभाला। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच, उन्होंने प्रतिबद्धता, जोश और समर्पण के साथ आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्होंने महामारी के खिलाफ कंपनी की लड़ाई का नेतृत्व किया और कंपनी के समग्र प्रदर्शन को बदलने के लिए विभिन्न पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री प्रसाद अपने पारस्परिक कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं और टीम वर्क में दृढ़ विश्वास रखते हैं और उनके पास उत्कृष्ट तकनीकी विशेषज्ञता है। उनके मार्गदर्शन में, कंपनी नए मील के पत्थर हासिल करने और सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
श्री पीएम प्रसाद [डीआईएन: 08073913]: ने 1 जुलाई, 2023 को कोल इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण किया है। इससे पहले, वह 01/09/2020 से सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक (सीएमडी) का प्रभार संभाल रहे थे। श्री प्रसाद को संचालन और प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं में 38 वर्षों का अनुभव है। श्री प्रसाद उस्मानिया विश्वविद्यालय से खनन इंजीनियर हैं। उन्होंने धनबाद के इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स (आईआईटी-आईएसएम) से 'ओपन-कास्ट माइनिंग' में एमटेक किया। 1988 में, उन्होंने डीजीएमएस से प्रथम श्रेणी खान प्रबंधक प्रमाण पत्र प्राप्त किया। उन्होंने 1997 में नागपुर विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त की। श्री प्रसाद ने 1984 में कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनी वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (डब्ल्यूसीएल) में एक कार्यकारी प्रशिक्षु के रूप में अपना करियर शुरू किया। कंपनी में विभिन्न भूमिकाओं के माध्यम से आगे बढ़ते हुए उन्होंने समर्पण, कड़ी मेहनत, ईमानदारी और गतिशील नेतृत्व का प्रदर्शन किया और महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड (एमसीएल) में लिंगराज क्षेत्र के महाप्रबंधक बन गए। 1994-95 में, उन्होंने डब्ल्यूसीएल में अपनी पोस्टिंग के दौरान भूमिगत आग से प्रभावित डीआरसी खदानों को फिर से खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इस उल्लेखनीय कार्य के लिए, उन्हें 1995 में कोयला सचिव, कोयला मंत्रालय (एमओसी) और अध्यक्ष, कोल इंडिया लिमिटेड से 'सर्वश्रेष्ठ खान प्रबंधक' के रूप में सम्मानित किया गया। एमसीएल में महाप्रबंधक के रूप में अपने सफल कार्यकाल के दौरान, वह मार्च, 2010 से 'कनिहा ओपन कास्ट प्रोजेक्ट' के सफल उद्घाटन और संचालन के लिए जिम्मेदार थे। उन्हें वर्ष 2014-15 में 26.00 मीट्रिक टन के कोयला भंडार को अनलॉक करने के लिए हिंगुला ओपनकास्ट क्षेत्र में नाले के डायवर्जन और तालचेर कोलफील्ड्स में नई रेलवे साइडिंग नंबर 9 की शुरुआत का श्रेय भी दिया जाता है। सुरक्षा के लिए उनका विशेष लगाव है और जिन परियोजनाओं के साथ वह जुड़े थे, उन्होंने विभिन्न प्रतियोगिताओं में विभिन्न पुरस्कार जीते हैं, जिनमें दो परियोजनाओं के लिए हैट्रिक शामिल है, अर्थात, पद्मपुर ओपनकास्ट, 1996 और 1998 के बीच डब्ल्यूसीएल और 2004 और 2006 के बीच नंदीरा यूजी माइन, एमसीएल। मई, 2015 में, वह कार्यकारी निदेशक (कोयला खनन) के रूप में एनटीपीसी में शामिल हुए। उन्हें एमडीओ परियोजनाओं के आवंटन की प्रक्रिया में तेजी लाने और पकरीबरवाडीह कोयला ब्लॉक (एनटीपीसी की पहली परियोजना) प्रदान करने और शेष कोयला ब्लॉकों के लिए एनआईटी जारी करने के लिए सम्मानित किया गया। मार्च 2016 में, उन्होंने हज़ारीबाग़ और झारखंड के कार्यकारी निदेशक-सह-प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने पकरीबरवाडीह खदान, हज़ारीबाग़ में कोयला खनन कार्य शुरू करने का नेतृत्व किया। 2016 में उनके कार्यकाल के दौरान, पकरीबरवाडीह को 'स्वर्ण शक्ति पुरस्कार' में प्रथम पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। फरवरी 2018 में, वह निदेशक तकनीकी (पी एंड पी) के रूप में नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एनसीएल) में शामिल हुए। उनके नेतृत्व में एनसीएल को पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य के लिए जून 2018 में विश्व पर्यावरण सम्मेलन में सम्मानित किया गया। उन्होंने अगस्त 2019 में भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) के सीएमडी का पदभार संभाला। चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों के बीच, उन्होंने प्रतिबद्धता, जोश और समर्पण के साथ आगे बढ़कर नेतृत्व किया। उन्होंने महामारी के खिलाफ कंपनी की लड़ाई का नेतृत्व किया और कंपनी के समग्र प्रदर्शन को बदलने के लिए विभिन्न पहलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्री प्रसाद अपने पारस्परिक कौशल के लिए प्रसिद्ध हैं और टीम वर्क में दृढ़ विश्वास रखते हैं और उनके पास उत्कृष्ट तकनीकी विशेषज्ञता है। उनके मार्गदर्शन में, कंपनी नए मील के पत्थर हासिल करने और सफलता की नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध)
श्री विनय रंजन ने 28 जुलाई, 2021 से निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध), कोल इंडिया लिमिटेड के रूप में कार्यभार संभाला। श्री रंजन एक प्रदर्शन केंद्रित जनमुखी पेशेवर हैं, जिनको मानव संसाधन के संपूर्ण क्षेत्र जिसमें वृह्द स्तर पर लेटेरल/कैंपस हायरिंग, प्रतिभा प्रबंधन, प्रदर्शन प्रबंधन, नियोक्ता ब्रांडिंग, मुआवजा प्रबंधन एवं बेंच-मार्किंग, परिवर्तन प्रबंधन, सांस्कृतिक निर्माण, कार्मिक संलग्नता, कार्मिक संबंध, एचआरआईएस, कार्मिक उत्पादकता तथा अधिगम एवं विकास में व्यापक वर्षों का अनुभव प्राप्त है । उन्होंने विदेशी व्यापारिक संस्थाओं को भी सफलतापूर्वक मानव संसाधन सहायता प्रदान किए है। वे दो एसएपी एचआर कार्यान्वयन के संपूर्ण प्रक्रिया में भागीदार थे। उन्होंने टाटा कम्युनिकेशन (पूर्ववर्ती वीएसएनएल) में एसएपी एचआर कार्यान्वयन के संपूर्ण प्रक्रिया में टीम का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने संपूर्ण एसएपी एचसीएम मॉड्यूल के कार्यान्वयन हेतु वीएसएनएल एचआर और टीसीएस से गठित 8 सदस्यीय टीम का नेतृत्व किया। वह वीएसएनएल से प्रतिनियुक्ति पर टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) एसएपी एचआर कार्यान्वयन टीम का भी हिस्सा थे ।
कुशल एवं उच्च उत्पादक श्रमबल को विकसित करने और उसका नेतृत्व करने की क्षमता के साथ वे एक प्रभावशाली मार्गदर्शक हैं। उनमें हितधारक प्रबंधन के उत्कृष्ट कौशल हैं तथा वे विगत 5 वर्षो से प्रमोटरों के साथ सीधे काम कर रहे हैं। वे सेवा प्रदाता एवं निष्पादन के उच्च स्तरीय चेतना के साथ अपनी अखंडता और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनमें सशक्त पारस्परिक संचार और समझौता वार्त्ता का कौशल भी हैं। 29 जुलाई, 2016 को फॉनटेनब्लियू परिसर, फ्रांस में आयोजित भव्य स्नातक समारोह में पाठ्यक्रम के सफल समापन पर वे आईएनएसईएडी (INSEAD) के भूतपूर्व छात्र बने।
जब दैनिक भास्कर समूह का विभाजन हुआ और 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ दो बड़े ताप विद्युत संयंत्र बनाने का निर्णय लिया गया, तब श्री विनय रंजन डीबी पावर लिमिटेड (दैनिक भास्कर समूह की कंपनी) के एचआर - कॉर्पोरेट प्रमुख थे।
निदेशक (व्यवसाय विकास)
श्री देबाशीष नंदा ने 11 जुलाई 2022 से कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक - व्यवसाय विकास के रूप में पदभार ग्रहण किया है । इससे पहले, वे इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में कार्यकारी निदेशक (गैस) के रूप में कार्यरत थे। यूसीई बुर्ला , संबलपुर विश्वविद्यालय से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक, श्री नंदा आरईसी राउरकेला से प्रोडक्शन इंजीनियरिंग में पोस्ट ग्रेजुएट हैं और उन्होंने आईआईएफटी, नई दिल्ली से इंटरनेशनल बिजनेस में मास्टर्स डिग्री हासिल की है। श्री नंदा ने 1988 में मार्केटिंग डिवीजन में मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ज्वाइन किया और सर्वो लुब्रिकेंट्स के मार्केटिंग में 11 साल बिताए । इसके बाद, वह 1999 में बिजनेस डेवलपमेंट ग्रुप में चले गए । उन्होंने 2009 में इंडियन ऑयल के गैस बिजनेस में जाने से पहले विदेशों में ल्यूब बिजनेस का विस्तार, पीओएल का निर्यात, इंडियन ऑयल की सहायक कंपनियों की स्थापना आदि सहित बिजनेस डेवलपमेंट गतिविधियों में काम कार्य किया है। श्री नंदा ने इंडियन ऑयल के 'प्राकृतिक गैस' व्यवसाय का नेतृत्व किया, जिसका कारोबार 20,000 करोड़ रुपये का है। उन्होंने प्राकृतिक गैस कारोबार में इंडियन ऑयल की पैठ बढ़ाने के लिए कई मजबूत रणनीतियां विकसित की । उन्होंने MoP&NG, PNGRB और अन्य उद्योग निकायों के साथ संपर्क करने के लिए विभिन्न विविध पदों को भी संभाले है। उन्होंने यूएस-इंडिया एनर्जी टास्क फोर्स की अध्यक्षता की, बांग्लादेश और श्रीलंका को पाइपलाइन आरएलएनजी निर्यात पर काम का नेतृत्व किया और उन्हें यूरिया संयंत्रों के लिए एचपी-एचटी घरेलू गैस के एग्रीगेटर का दर्जा दिया गया।
निदेशक (विपणन)
श्री मुकेश चौधरी ने 23 दिसंबर, 2022 (अपराह्न) से सरकारी स्वामित्व वाली महारत्न कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निदेशक (विपणन) के रूप में पदभार ग्रहण किया। सीआईएल विपणन प्रभाग के शीर्ष स्थान की कमान संभालने से पूर्व, वे विभाग, रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग के उप महानिदेशक थे। भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (आईओएफएस) 1996 बैच के एक अधिकारी, श्री चौधरी अभियंत्रिकी महाविद्यालय, कोटा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ऑनर्स) स्नातक हैं। उनके पास मास्टर ऑफ फाइनेंशियल एनालिसिस (एमएफए) और एमबीए की उपाधि भी है। सीआईएल के लिए महत्वपूर्ण रूप से, श्री चौधरी देश की कोयला मांग आपूर्ति श्रृंखला की सूक्ष्मतर बारीकियों और कोयला मंत्रालय में निदेशक (कोयला उत्पादन और प्रेषण) के रूप में जहां उनके कार्यों में कोयले की आपूर्ति, परिवहन रसद और विपणन नीतियों की निगरानी करना शामिल था, अपने साढ़े छह साल के अनुभव के आधार पर सीआईएल के विपणन प्रणाली से भली-भाँति अभिज्ञ हैं। उन्होंने सरकारी स्वामित्व वाली तीन कोयला कंपनियों - एमसीएल, एसईसीएल, एनएलटीपीएल, एनसीएल, एससीसीएल और सीएमडीपीआई के बोर्डों में भी काम किया। ऐसे समय में जब विशेष रूप से प्रमुख कोयला खपत करने वाले बिजली क्षेत्र के लिए, सीआईएल की कोयला आपूर्ति कीर्तिमान उच्च स्तर पर पहुंच गई है, और देश में बिजली उत्पादन में वृद्धि के कारण जहाँ कोयले की मांग बढ़ने की उम्मीद है, श्री चौधरी का अनुभव चुनौतीपूर्ण विषयों से निपटने में सहायक होगा।
निदेशक (वित्त)
श्री मुकेश अग्रवाल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक हैं तथा इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। कोल इंडिया लिमिटेड में निदेशक (वित्त) के रूप में सेवा देने से पूर्व इन्होंने एनएलसी इंडिया लिमिटेड, एक नवरत्न कंपनी में कार्यकारी निदेशक के रूप में अपनी सेवा प्रदान की है। आईटीआई लिमिटेड, इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, एनएलसी इंडिया लिमिटेड आदि जैसे निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में तीन दशकों से अधिक समय के प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, एक अनुभवी पेशेवर के रुप में इनका बुनियादी ढांचा क्षेत्र के गतिशील परिदृश्य में योग्यता सहित व्यापक अनुभव है। इनकी विशेषज्ञता में रबर, कताई, दूरसंचार, निर्माण, बिजली, लिग्नाइट और कोयला सहित उद्योगों की एक विविध श्रृंखला शामिल है। वित्त क्षेत्र में, उन्होंने अकाउंट्स, ट्रेजरी, कराधान, लागत, बजटिंग, इन्वेंटरी प्रबंधन, देयता तथा फंड प्रबंधन, डिजिटलीकरण, नीति निर्माण, प्रणाली सुधार, आईएफसी इत्यादि जैसे कई आयामों में दक्षता प्रदर्शित की है। विशेष रूप से, उन्होंने एनएलसी इंडिया लिमिटेड की एक प्रमुख अनुषंगी कंपनी एनयूपीपीएल में मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के प्रतिष्ठित पद को संभाला है। उन्होंने लिग्नाइट, बिजली मूल्य निर्धारण और नियामक मामलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वित्तीय मामलों में उनके वृहद ज्ञान और नेतृत्व ने निरंतर विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे क्षेत्र में संगठनों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
अतिरिक्त सचिव कोयला मंत्रालय
श्री नागराजू मद्दीराला [डीआईएन: 06852727] अपर सचिव, एमओसी, श्री नागराजू मद्दीराला ने 22 फरवरी, 2023 को कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के बोर्ड में अंशकालिक निदेशक (सरकारी नामित) का पदभार ग्रहण किया है। वह 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने हैदराबाद विश्वविद्यालय से पोस्ट-ग्रेजुएशन किया। सेवा के दौरान, उन्होंने सार्वजनिक व्यवस्था, राजस्व और विकास प्रशासन, आदिवासी विकास, वित्त, अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संबंध, उद्योग और वाणिज्य, स्वास्थ्य देखभाल और राज्य वित्त के क्षेत्रों में राज्य, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सेवा की। राज्य सरकार में, उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट, निदेशक, जनजातीय कल्याण, स्वास्थ्य, महिला एवं बाल विकास, वित्त और उद्योग एवं वाणिज्य विभागों के सचिव/प्रमुख सचिव के रूप में कार्य किया। 2004-08 के दौरान, उन्होंने वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग में जापान / उत्तरी अमेरिका और विश्व बैंक डिवीजनों में निदेशक के रूप में कार्य किया। इसके बाद, उन्होंने 2008 से 2012 तक वाशिंगटन डीसी में विश्व बैंक में कार्यकारी निदेशक के सलाहकार के रूप में काम किया। वह 2012-13 में एक वर्ष के लिए पेंसिल्वेनिया विश्वविद्यालय, अमेरिका में विजिटिंग फेलो और 2018-19 में स्टोन हिल कॉलेज में विजिटिंग रिसर्च स्कॉलर थे। उन्होंने 30.01.2020 को कोयला मंत्रालय के संयुक्त सचिव के रूप में और 03.11.2020 से कोयला मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव के रूप में पदोन्नति के बाद कार्यभार संभाला। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, एमओसी
श्रीमती निरुपमा कोट्रु (52) (डीआईएन– 03575641) संयुक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, एमओसी, 1992 बैच के भारतीय राजस्व सेवा (आयकर) की एक अधिकारी हैं। 28 जनवरी, 1969 को जन्मीं निरुपमा कोट्रू ने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, दिल्ली से राजनीति और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में एमए किया है। उन्होंने टेरी यूनिवर्सिटी, दिल्ली से पब्लिक पॉलिसी एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट में एमए भी किया है। सुश्री कोट्रू ने मुंबई, चेन्नई, दिल्ली और पुणे में आयकर विभाग में विभिन्न कार्यों में कार्य किया है और आयकर विभाग के अंतर्राष्ट्रीय कराधान निदेशालय की स्थापना में शामिल थीं। कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय में निदेशक (ई गवर्नेंस) के रूप में, उन्होंने पुरस्कार विजेता MCA21 कॉर्पोरेट फाइलिंग सिस्टम का संचालन किया। मानेसर में भारतीय कॉर्पोरेट मामलों के संस्थान की स्थापना में भी उनका महत्वपूर्ण योगदान था। सूचना और प्रसारण मंत्रालय में निदेशक (फिल्म) के रूप में, उन्होंने एनएफडीसी, फिल्म डिवीजन, राष्ट्रीय फिल्म संग्रह और फिल्म समारोह निदेशालय जैसी मीडिया इकाइयों के प्रशासन और फिल्मों से संबंधित सभी नीतिगत मामलों को देखा। कुछ समय पहले तक उन्हें संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार में संयुक्त सचिव के रूप में तैनात किया गया था, जहाँ उन्होंने साहित्य अकादमी, राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, संगीत नाटक अकादमी और ललित कला अकादमी जैसी प्रतिष्ठित अकादमियों के साथ-साथ राष्ट्रीय संग्रहालय, दिल्ली, विक्टोरिया मेमोरियल संग्रहालय और भारतीय संग्रहालय, कोलकाता जैसे प्रसिद्ध संग्रहालयों को देखा । इन्हें प्रशासन के साथ-साथ कराधान के विभिन्न क्षेत्रों में अपना विविध अनुभव हासिल है। इनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है ।
श्री घनश्याम सिंह राठौर [डीआईएन 09615384] को स्वतंत्र निदेशक के रूप में कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में 1 मार्च 2023 से नियुक्त किया गया। उनका जन्म 19 जुलाई 1966 को हुआ और उन्होंने हिंदू कॉलेज, दिल्ली से कला में स्नातक की उपाधि पूरी की। उन्होंने हाई एल्टीट्यूड माउंटेन वारफेयर, रेडियो इंस्ट्रक्टर और पार्ट 'बी' में व्यवसायी सेना पाठ्यक्रम भी पूरा किया है और सेना में अपने कार्यकाल के दौरान श्रमशक्ति प्रबंधन और प्रशासन का प्रशिक्षण भी लिया था। उन्होंने अपने आजीविका के दौरान 42 आर्मर्ड रेजीमेंट में स्क्वाड्रन लीडर के रूप में काम किया और साथ ही उन्होंने तकनीकी संचालन में स्वतंत्र समूहों को नेतृत्व प्रदान किये। उन्होंने सैन्य विषयों, अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रशासन और प्रबंधन पर वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी सलाह भी दी है। उनकी विशेषज्ञता और दक्षता के क्षेत्रों में प्रबंधन, प्रशासन और तकनीकी संचालन शामिल हैं।
मुख्य सतर्कता अधिकारी, सीआईएल
श्री ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, आईआरएसई, (1996 परीक्षा बैच) ने 16 नवंबर, 2022 को कोल इंडिया लिमिटेड, कोलकाता के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने एमएनआरईसी, इलाहाबाद से अभियांत्रिकी (असैनिक) में स्नातक और आईआईटी, दिल्ली से प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर किया। सीआईएल से जुड़ने से पहले उन्होंने पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल के अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) के प्रशासनिक पद पर कार्य किया। इससे पहले, पूर्व रेलवे में मुख्य सतर्कता अधिकारी (अभियांत्रिकी) के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई सतर्कता सुधारों और प्रणाली सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्री त्रिपाठी को विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के योजना बनाने, प्रारूरण और निष्पादन के साथ-साथ प्रमुख आधारभूत ढांचे के अनुरक्षण और संचालन में लगभग 25 वर्षों का व्यापक अनुभव है। उन्हें स्थापना, आय-व्ययक, निविदाओं और अनुबंध प्रबंधन आदि से संबंधित विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।