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Section 4(b)-(xii)


आवंटित राशि सहित अनुदान कार्यक्रमों के क्रियान्वयन का तरीका और ऐसे कार्यक्रमों के लाभार्थियों का विवरण शामिल है

वैसे तो सी आई एल के पास जनता के लिए कोई सब्सिडी योजना/कार्यक्रम नहीं है। सी आई एल की अधिकांश परिचालन खदानें सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं जो सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े हैं और जहाँ आधारभूत नागरिक सुविधाओं की कमी है। सीआईएल, एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट नागरिक के रूप में अपने स्टेशनों के आस-पास के क्षेत्रों में सामुदायिक विकास के मुद्दे को संबोधित कर रहा है जो परियोजना की स्थापना के कारण प्रभावित हुआ था। सीआईएल अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति, पड़ोसी क्षेत्रों में वंचित और जरूरतमंद वर्गसमुदाय के सामाजिक-आर्थिक विकास की आवश्यकता के विषय को लेकर भी जागरूक है। इस दिशा में, सीआईएल ने 2004-05 के दौरान "कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व -" सामुदायिक विकास (सीएसआर-सीडी) नीति, 04 जुलाई को अपनाया। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सीआईएल की सीएसआर नीति के तहत, विभिन्न वर्गों में कुल सीएसआर व्यय ₹586.50 करोड़ था, जैसे स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और स्वच्छता पर ₹204.45 करोड़ खर्च किए गए, थैलेसीमिया बाल सेवा योजना पर 9.40 करोड़ रुपये खर्च किये गये और ₹143.69 करोड़ शिक्षा और आजीविका पर खर्च किए गए।

कोयला खनन कार्यों का लोगों और समुदायों से जटिल संबंध है। कंपनी और उसके हितधारकों के बीच सशक्त संबंध एक स्थायी संबंध बनाने में सहायता करता है जो हमारे जन-केंद्रित दृष्टिकोण की नींव को सशक्त करता है।

स्थानीय समुदायों, गैर सरकारी संगठनों और सरकारी अभिकर्त्ताओं के सहयोग से कोल इण्डिया ने कई परियोजनाएं कार्यान्वित की हैं जो विशेष रूप से समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों की जरूरतों को पूरा करने के लिए प्रारूपित की गई हैं। व्यावसायिक प्रशिक्षण, छात्रवृत्ति और शैक्षिक सहायता के माध्यम से सीआईएल का लक्ष्य हाशिए पर रहने वाले समुदायों की गुणवत्ता में सुधार करना और सामाजिक और आर्थिक विभाजन को कम करना है। सीआईएल समुदायों की आर्थिक भलाई को बढ़ावा देने में विश्वास करती है जिसमें सीआईएल कौशल विकास के माध्यम से स्थानीय कार्यबल को सशक्त बनाने और स्थायी आजीविका के अवसर पैदा करके काम करता है।

स्वास्थ्य सेवाओं को सुगम बनाने में सीआईएल ने कई पहल की हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से, सीआईएल ने 'थैलेसीमिया बाल सेवा योजना (टीबीएसवाई)' की शुरूआत की है। यह पहल वंचित रोगियों को लाभ पहुँचाने हेतु अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण के लिए, ₹10 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। सीआईएल ने समुदायों के उत्थान और ग्रामीण क्षेत्र में आधारभूत ढांचे को बढ़ाने के लिए कई पहल की हैं। उदाहरण के लिए, उत्तराखंड के चमोली में सीमा सड़क के निर्माण से इस क्षेत्र की संयोजकता में सुधार हुआ है।

हमारा व्यापक सामुदायिक विकास कार्यक्रम – उत्थान पशुधन विकास, कृषि-बागवानी-वानिकी, उन्नत कृषि और जल संसाधन विकास के माध्यम से एमसीएल के कमांड क्षेत्रों में परिवारों के उत्थान पर ध्यान केंद्रित करता है। इस प्रकार सीआईएल सतत विकास के चारों स्तंभों में सही संतुलन बनाकर स्थायित्व की तरफ अग्रसर है।