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FAQ


CIL Produces :

  • Coking Coal.
  • Semi coking coal.
  • Non Coking Coal.
  • Beneficiated coal.
  • Cil Coke / LTC Coke.
  • Coal Fines/ Coke Fines.
  • Tar/ Heavy Oil/ Light Oil/ Soft Pitch.

सी.आई.एल. निम्‍नांकित ग्राहकों को सेवा प्रदान करती है :

  • बिजली (आई.पी.पी.एस सहित बिजली उपयोगिता)
  • बिजली (कैपटिव)
  • रक्षा
  • रेलवे
  • उर्वरक
  • स्‍पाँज आयरन व पिग आयरन के उत्‍पादनकर्ता और अन्‍य धात्विक उद्योग सहित इस्‍पात जो अपने लिए कोयले/कोक का व्‍यवहार करते हैं
  • सीमेंट
  • अल्‍युमीनियम उद्योग
  • कागज उद्योग
  • उपभोग और प्रयोग के लिए केन्‍द्रीय सार्वजनिक प्रतिष्‍ठान(व्‍यापार करने के लिए प्रतिष्ठित)
  • निर्यात
  • ग्‍लास/सेरामिक/पॉटरी
  • केमिकल
  • इंजीनियर /रॉलिंग मिलें
  • राज्‍य द्वारा नामांकित एजेंसी
  • व्‍यापारी, इत्‍यादि

एफएसए का अर्थ ईंधन आपूर्ति समझौता है । नई कोयला वितरण नीति (एन.सी.डी.पी.) के अनुसार कोयले की आपूर्ति विक्रेता (कोयला कंपनियों) और उपभोक्ता के बीच विशिष्ट नियमों और शर्तों के तहत कानूनी रूप से लागू अनुबंध के द्वारा होता है । विभिन्‍न श्रेणियों के उपभोक्ताओं के लिए ईंधन आपूर्ति समझौता का विभिन्न मॉडल वेबसाइट में दिया गया है ।

एल.ओ.ए. का तात्‍पर्य आश्‍वासन पत्र से है । उपयुक्त प्राधिकारी की स्‍वीकृति पर यह नए उपभोक्ताओं के लिए जारी किया जाता है जो कोयले की आपूर्ति शुरू करने के लिए ईंधन आपूर्ति समझौते की पात्रता पर एल.ओ.ए. के लिए गठित समिति की सिफारिश पर इसके विशिष्ट नियम और शर्तों के भीतर निर्धारित समयावधि के अंदर अनुपालित किया जाना है, पर आधारित है ।

ग्राहकों को 3 वर्गों में बॉंटा जा सकता है । ग्राहकों की श्रेणी के अनुसार कोयला खरीदने की पद्धत्ति निम्‍न प्रकार है


ग्राहकों की श्रेणी कोयला खरीदने की प्रक्रिया
बिजली उपयोगिताऍं और कैपटिव बिजली संयंत्र (सीपीपी), सीमेंट एवं स्‍पॉंज लोहा सहित इस्‍पात तथा स्‍वतंत्र बिजली उत्‍पादनकर्त्‍ता (आईपीपी) कानूनी रूप से लागू ईंधन आपूर्ति समझौते (एफएसए) के माध्यम से कोयले की आपूर्ति करना । नये उपभोक्ता को नई कोयला वितरण नीति(एन.सी.डी.पी.) के प्रावधान के अनुसार और प्रशासनिक मंत्रालय की अनुशंसा के लिए कोयला कम्‍पनियों द्वारा आश्‍वासन-पत्र (एल.ए.ओ.) जारी करने के लिए कोयला मंत्रालय के अधीन स्‍थायी लिंकेज समिति (एलटी) की अनुशंसा हेतु संपर्क स्‍थापित करना होगा । निर्धारित समयावधि में आश्‍वासन-पत्र की शर्तें पूरी करने पर प्रतिबद्धता गारंटी (सी.जी.) भरने पर समझौता पत्र जारी किया जाता है उसके बाद ईंधन आपूर्ति समझौता निष्‍पादित किया जाता है ।
उर्वरक ईंधन आपूर्ति समझौते के द्वारा कोयला कंपनियॉं कोयला आपूर्ति करेंगी ।
रक्षा सरकार के आदेशानुसार
उपर्युक्‍त वर्णित क्षेत्रों के अलावा अन्य क्षेत्रों से संबंधित ग्राहक (4200 मि.टन प्रति वर्ष से अधिक कोयले की आवश्‍यकता वाले) ईंधन आपूर्ति समझौता के माध्‍यम से निर्धारित प्रक्रिया के अधीन ग्राहकों को कोयला मिलेगा ।
4200 मि. टन प्रतिवर्ष और उससे कम कोयले की आवश्‍यकता वाले ग्राहक ऐसे उपभोक्ता राज्य द्वारा नामित एजेंसियों से कोयला खरीद सकते हैं । ऐसी नामित एजेंसियॉं ईंधन आपूर्ति समझौता द्वारा कोयला कंपनियों से कोयला प्राप्‍त करेंगी ।
व्‍यापारी सिर्फ स्‍पॉट ई-ऑक्‍शन द्वारा ही कोयला खरीदा जा सकता है ।

इसके लाभ संक्षेत्र में नीचे वर्णित हैं :

  • कोयला विपणन में पूर्ण पारदर्शिता
  • बिना किसी भेद-भाव के सभी श्रेणी के ग्राहकों के साथ समान व्‍यवहार
  • स्‍त्रोत, ग्रेड, आकार/मोड के बारे में ग्राहक अपनी इच्‍छानुसार कोयला प्राप्‍त करता है
  • देश के किसी भी हिस्‍से से क्रेता कोयला खरीद सकता है
  • नये उपभोक्‍ता, स्‍नैप्‍ड उपभोक्‍ता और कोयला आपूर्ति समझौता में निर्धारित मात्रा से अधिक कोयला लेने वाले उपभोक्‍ता इस योजना के तहत कोयला खरीद सकते हैं
  • प्रीमियम(अधिमूल्‍य) पर सेकेंडरी बाजार में कोयला ले जाने की प्रवृति पूर्णत: नहीं तो बहुत हद तक कम है,
  • कोयले की खरीद के लिए कोई कोटा/लिंकेज/स्‍पौंसरशिप की आवश्‍यकता नहीं
  • पंजीकरण/ई.एम.डी. के लिए ऑन लाइन द्वारा पैसे जमा करने का विकल्‍प

ग्राहक को ई-नीलामी कार्यक्रम कोयला कंपनियों के वेबसाइटों पर या एमएसटीसी और एमजंक्शन पोर्टल पर मिल सकता है ।

अगर आवश्यकता प्रतिवर्ष 4200 टन से कम है तो आप अपने राज्यों द्वारा नामित एजेंसी से कोयला ले सकते हैं जिसकी कीमत उस एजेंसी द्वारा सम्‍बद्ध कोयला कंपनी से कोयला खरीदने के आधार मूल्‍य से 105% से अधिक नहीं होगी । आप न्‍यूनतम 50 टन कोयला स्‍पॉट ई ऑक्‍सन के जरिए भी ले सकते हैं ।

भारत सरकार की नई कोयला वितरण नीति (एन.सी.डी.पी) में कोयला वितरण नीति को स्‍पष्‍ट किया गया है । उपभोक्ता की श्रेणी और कोयले की आवश्यकता पर आधारित उक्‍त नीति में कोयला प्राप्त करने की समुचित प्रक्रिया का वर्णन किया गया है ।

कोल इंडिया लिमिटेड के वार्षिक उत्पादन का 10% ई नीलामी के लिए चिह्नित किया गया है ।

कोई भी खरीददार स्‍पॉट ई नीलामी में भाग ले सकता है और केवल वास्तविक उपभोक्ता ही आगे की ई-नीलामी में भाग ले सकता है ।

ई-नीलामी में भाग लेने की प्रक्रिया स्‍पॉट ई नीलामी और आगे की ई-नीलामी की योजना में निर्दिष्ट है ।

एमएसटीसी और एमजंक्शन । www.mstcindia.com, और www.coaljunction.in वेब साइटें क्रमशः हैं ।

  • एमएसटीसी लिमिटेड
    225C AJC बोस रोड,
    कोलकाता - 700-020
    वेब साइट- www.mstcindia.com
    दूरभाष सं-(033) 2287-0568/7577/9627
    फैक्स सं0- (033) 2290-4294 / 5637

  • एमजंक्शन सर्विसेज लिमिटेड
    टाटा सेंटर
    43 जवाहर लाल नेहरू रोड,
    कोलकाता-700 071
    वेब साइट: www.coaljunction.in
    टॉलफ्री सं0- 180041920001
    फैक्स सं0- (033) 66106297

उ0-. UHV से तात्‍पर्य यूजफूल हीट वैल्‍यू है जिसकी गणना निम्‍नानुसार आनुभविक सूत्र ( empirical formula ) द्वारा की जाती है:
UHV = 8900-138 (राख %+ नमी%) किलो कैलोरी / किलोग्राम में ।
2 प्रतिशत से कम नमी वाला कोयला होने और वोलाटाइल कंटेन्‍ट (VM) 19 प्रतिशत से कम होने पर यू.एच.वी. 19 प्रतिशत से नीचे के भोलाटाइल कंटेन्‍ट (VM) और फ्रैक्‍शन प्रोराटा में प्रत्‍येक के लिए एक प्रतिशत कम करने से उपर्युक्‍त में से 150 कैलोरीज प्रति किलोग्राम कम करने पर जो आयेगा वही होगा ।

उ0- कोयले की एक विशेषता लॉंग फ्लेम है जो कोयले में उपस्थित भोलाटाइल मैटर पर निर्भर करता है । सकल सी.वी. का रेंज और सूखी नमी (ड्रायड मोयास्‍चर) – दो अन्‍य कारक हैं जो कोयले का लॉंग फ्लेम निर्धारित करते हैं । कोयले का सामान्‍य वर्गीकरण (संशोधित) आई.एस.-770-1964 में निम्‍नांकित मानक निर्धारित हैं :


श्रेणी वोलटाइल %
(कोयला आधारित इकाई )
K.Cal/Kg में सकल सी.भी
(कोयला इकाई पर )
60% RH & 40®C पर एयर ड्राइड मोआस्‍चर का %
(मुफ्त कोयला आधार पर खनिज)
B4
B5
32 से अधिक
32 से अधिक
8060 से 8440
7500 से 8060
3 से 7
7 से 14