श्री विनय रंजन
निदेशक (मानव संसाधन)
Shri B. Sairam has been appointed as Chairman-cum-Managing Director of CIL w.e.f 15.12.2025. Prior to this, he was CMD, Northern Coalfields Limited a wholly owned subsidiary of CIL. Shri Sairam brings a vast reservoir of knowledge and experience spanning over more than 3 decades of dedicated service in the coal sector. A graduate mining engineer from NIT Raipur, Shri Sairam has traversed various domains within the coal industry, including mine operations, project planning, logistics, and regulatory affairs. He pursued MBA in Energy Management from NTPC School of Business Delhi. Before appointment as CMD of NCL, he was serving as Director (Technical) in Ranchi based Central Coalfields Limited where he played pivotal roles in development of coal logistics, First Mile Connectivity projects, Forest & Environment Clearances, and projectising greenfield and brownfield mines. Shri Sairam has been instrumental in community development initiatives during his stint as Executive Director at CIL. In NCL, his leadership and technical acumen led to projectisation, structuring of project financing, and developing a compensation and R&R framework for shifting of urban township- considered as the largest mining rehabilitation & resettlement programme- for Jayant expansion project. Through his strong command on earning community trust, these assignments were accomplished in one-year time frame. He also fast-tracked multiple regulatory clearances for an important mining project for uninterrupted production cycle. His multi-pronged know-how of the coal mining eco-system will greatly benefit CIL in the years to come.
Shri B. Sairam has been appointed as Chairman-cum-Managing Director of CIL w.e.f 15.12.2025. Prior to this, he was CMD, Northern Coalfields Limited a wholly owned subsidiary of CIL. Shri Sairam brings a vast reservoir of knowledge and experience spanning over more than 3 decades of dedicated service in the coal sector. A graduate mining engineer from NIT Raipur, Shri Sairam has traversed various domains within the coal industry, including mine operations, project planning, logistics, and regulatory affairs. He pursued MBA in Energy Management from NTPC School of Business Delhi. Before appointment as CMD of NCL, he was serving as Director (Technical) in Ranchi based Central Coalfields Limited where he played pivotal roles in development of coal logistics, First Mile Connectivity projects, Forest & Environment Clearances, and projectising greenfield and brownfield mines. Shri Sairam has been instrumental in community development initiatives during his stint as Executive Director at CIL. In NCL, his leadership and technical acumen led to projectisation, structuring of project financing, and developing a compensation and R&R framework for shifting of urban township- considered as the largest mining rehabilitation & resettlement programme- for Jayant expansion project. Through his strong command on earning community trust, these assignments were accomplished in one-year time frame. He also fast-tracked multiple regulatory clearances for an important mining project for uninterrupted production cycle. His multi-pronged know-how of the coal mining eco-system will greatly benefit CIL in the years to come.
निदेशक (मानव संसाधन)
श्री विनय रंजन ने 28 जुलाई, 2021 से निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध), कोल इंडिया लिमिटेड के रूप में कार्यभार संभाला। श्री रंजन एक प्रदर्शन केंद्रित जनमुखी पेशेवर हैं, जिनको मानव संसाधन के संपूर्ण क्षेत्र जिसमें वृह्द स्तर पर लेटेरल/कैंपस हायरिंग, प्रतिभा प्रबंधन, प्रदर्शन प्रबंधन, नियोक्ता ब्रांडिंग, मुआवजा प्रबंधन एवं बेंच-मार्किंग, परिवर्तन प्रबंधन, सांस्कृतिक निर्माण, कार्मिक संलग्नता, कार्मिक संबंध, एचआरआईएस, कार्मिक उत्पादकता तथा अधिगम एवं विकास में व्यापक वर्षों का अनुभव प्राप्त है । उन्होंने विदेशी व्यापारिक संस्थाओं को भी सफलतापूर्वक मानव संसाधन सहायता प्रदान किए है। वे दो एसएपी एचआर कार्यान्वयन के संपूर्ण प्रक्रिया में भागीदार थे। उन्होंने टाटा कम्युनिकेशन (पूर्ववर्ती वीएसएनएल) में एसएपी एचआर कार्यान्वयन के संपूर्ण प्रक्रिया में टीम का नेतृत्व किया, जिसमें उन्होंने संपूर्ण एसएपी एचसीएम मॉड्यूल के कार्यान्वयन हेतु वीएसएनएल एचआर और टीसीएस से गठित 8 सदस्यीय टीम का नेतृत्व किया। वह वीएसएनएल से प्रतिनियुक्ति पर टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) एसएपी एचआर कार्यान्वयन टीम का भी हिस्सा थे ।
कुशल एवं उच्च उत्पादक श्रमबल को विकसित करने और उसका नेतृत्व करने की क्षमता के साथ वे एक प्रभावशाली मार्गदर्शक हैं। उनमें हितधारक प्रबंधन के उत्कृष्ट कौशल हैं तथा वे विगत 5 वर्षो से प्रमोटरों के साथ सीधे काम कर रहे हैं। वे सेवा प्रदाता एवं निष्पादन के उच्च स्तरीय चेतना के साथ अपनी अखंडता और प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। उनमें सशक्त पारस्परिक संचार और समझौता वार्त्ता का कौशल भी हैं। 29 जुलाई, 2016 को फॉनटेनब्लियू परिसर, फ्रांस में आयोजित भव्य स्नातक समारोह में पाठ्यक्रम के सफल समापन पर वे आईएनएसईएडी (INSEAD) के भूतपूर्व छात्र बने।
जब दैनिक भास्कर समूह का विभाजन हुआ और 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के निवेश के साथ दो बड़े ताप विद्युत संयंत्र बनाने का निर्णय लिया गया, तब श्री विनय रंजन डीबी पावर लिमिटेड (दैनिक भास्कर समूह की कंपनी) के एचआर - कॉर्पोरेट प्रमुख थे।
निदेशक (विपणन)
श्री मुकेश चौधरी ने 23 दिसंबर, 2022 (अपराह्न) से सरकारी स्वामित्व वाली महारत्न कोयला खनन कंपनी कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के निदेशक (विपणन) के रूप में पदभार ग्रहण किया। सीआईएल विपणन प्रभाग के शीर्ष स्थान की कमान संभालने से पूर्व, वे विभाग, रक्षा मंत्रालय में रक्षा उत्पादन विभाग के उप महानिदेशक थे। भारतीय आयुध निर्माणी सेवा (आईओएफएस) 1996 बैच के एक अधिकारी, श्री चौधरी अभियंत्रिकी महाविद्यालय, कोटा से मैकेनिकल इंजीनियरिंग (ऑनर्स) स्नातक हैं। उनके पास मास्टर ऑफ फाइनेंशियल एनालिसिस (एमएफए) और एमबीए की उपाधि भी है। सीआईएल के लिए महत्वपूर्ण रूप से, श्री चौधरी देश की कोयला मांग आपूर्ति श्रृंखला की सूक्ष्मतर बारीकियों और कोयला मंत्रालय में निदेशक (कोयला उत्पादन और प्रेषण) के रूप में जहां उनके कार्यों में कोयले की आपूर्ति, परिवहन रसद और विपणन नीतियों की निगरानी करना शामिल था, अपने साढ़े छह साल के अनुभव के आधार पर सीआईएल के विपणन प्रणाली से भली-भाँति अभिज्ञ हैं। उन्होंने सरकारी स्वामित्व वाली तीन कोयला कंपनियों - एमसीएल, एसईसीएल, एनएलटीपीएल, एनसीएल, एससीसीएल और सीएमडीपीआई के बोर्डों में भी काम किया। ऐसे समय में जब विशेष रूप से प्रमुख कोयला खपत करने वाले बिजली क्षेत्र के लिए, सीआईएल की कोयला आपूर्ति कीर्तिमान उच्च स्तर पर पहुंच गई है, और देश में बिजली उत्पादन में वृद्धि के कारण जहाँ कोयले की मांग बढ़ने की उम्मीद है, श्री चौधरी का अनुभव चुनौतीपूर्ण विषयों से निपटने में सहायक होगा।
निदेशक (वित्त)
श्री मुकेश अग्रवाल इलाहाबाद विश्वविद्यालय से विज्ञान स्नातक हैं तथा इंस्टीट्यूट ऑफ कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया के सदस्य हैं। कोल इंडिया लिमिटेड में निदेशक (वित्त) के रूप में सेवा देने से पूर्व इन्होंने एनएलसी इंडिया लिमिटेड, एक नवरत्न कंपनी में कार्यकारी निदेशक के रूप में अपनी सेवा प्रदान की है। आईटीआई लिमिटेड, इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, एनएलसी इंडिया लिमिटेड आदि जैसे निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में तीन दशकों से अधिक समय के प्रभावशाली ट्रैक रिकॉर्ड के साथ, एक अनुभवी पेशेवर के रुप में इनका बुनियादी ढांचा क्षेत्र के गतिशील परिदृश्य में योग्यता सहित व्यापक अनुभव है। इनकी विशेषज्ञता में रबर, कताई, दूरसंचार, निर्माण, बिजली, लिग्नाइट और कोयला सहित उद्योगों की एक विविध श्रृंखला शामिल है। वित्त क्षेत्र में, उन्होंने अकाउंट्स, ट्रेजरी, कराधान, लागत, बजटिंग, इन्वेंटरी प्रबंधन, देयता तथा फंड प्रबंधन, डिजिटलीकरण, नीति निर्माण, प्रणाली सुधार, आईएफसी इत्यादि जैसे कई आयामों में दक्षता प्रदर्शित की है। विशेष रूप से, उन्होंने एनएलसी इंडिया लिमिटेड की एक प्रमुख अनुषंगी कंपनी एनयूपीपीएल में मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के प्रतिष्ठित पद को संभाला है। उन्होंने लिग्नाइट, बिजली मूल्य निर्धारण और नियामक मामलों के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। वित्तीय मामलों में उनके वृहद ज्ञान और नेतृत्व ने निरंतर विकसित हो रहे बुनियादी ढांचे क्षेत्र में संगठनों की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
निदेशक (तकनीकी)
श्री अच्युत घटक, निदेशक (तकनीकी) ने 1989 में गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक, रायपुर से खनन इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की और 1993 में प्रथम श्रेणी खान प्रबंधक योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त किया। उन्होंने 1989 में वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड में जूनियर एग्जीक्यूटिव ट्रेनी के रूप में अपना करियर शुरू किया, जो कि CIL की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है और वहां 19 साल तक काम किया, जिसमें से अधिकांश मशीनीकृत भूमिगत खदानों में काम किया। अगस्त, 2008 के बाद, उन्होंने CIL मुख्यालय कोलकाता में परियोजना निगरानी और कॉर्पोरेट योजना के महत्वपूर्ण विभागों में काम किया।
श्री घटक ने निम्नलिखित क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई:
1) कोयला खनन परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन के लिए CIL में पहली बार MS-प्रोजेक्ट का उपयोग
2) CIL की 1 बीटी योजना के लिए रोडमैप तैयार करना
3) CIL की भूमिगत विजन योजना तैयार करना और उसे लागू करना
4) CIL के विजन 2047 का निर्माण और कोयला मंत्रालय के विजन 2047 दस्तावेज़ की तैयारी में सहायता करना।
5) सीएमपीडीआईएल में नए आरएंडडी सेंटर, नैकर फेज I को शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
6) 2047 में सीएमपीडीआईएल के निर्माण में प्रमुख व्यक्ति
अपनी आधिकारिक क्षमता में, उन्होंने विभिन्न देशों का दौरा किया है और भूमिगत खनन और परिचालन योजना में व्यापक अनुभव है, जिससे सीआईएल को बहुत लाभ होगा। निदेशक (तकनीकी) के रूप में सीआईएल में शामिल होने से पहले, श्री घटक 01.10.2023 से सीआईएल की खनन परामर्श सहायक कंपनी सीएमपीडीआई में निदेशक (आरडीएंडटी) के रूप में काम कर रहे थे।
निदेशक (व्यावसायिक विकास)
श्री आशीष कुमार ने 21.08.2025 से निदेशक (व्यवसाय विकास) का कार्यभार संभाला। उन्होंने वर्ष 1993 में आईएसएम, धनबाद से बी.टेक पूरा किया और वर्ष 2000 में डीजीएमएस द्वारा प्रथम श्रेणी प्रबंधक योग्यता प्रमाणपत्र प्राप्त किया। श्री आशीष कुमार बीआईटी, मेसरा से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातकोत्तर भी हैं और उनके पास भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान से अनुबंध प्रबंधन में डिप्लोमा भी है। वह 1994 में सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में ग्रेजुएट इंजीनियरिंग ट्रेनी (खनन) के रूप में कोल इंडिया लिमिटेड में शामिल हुए। श्री कुमार के पास परिचालन, अनुबंध प्रबंधन, सतर्कता, नीति निर्माण, योजना और परियोजना निगरानी जैसे विभिन्न डोमेन से जुड़े 30 से अधिक वर्षों का व्यापक खनन अनुभव है। कोयला मंत्रालय में ओएसडी/परियोजना सलाहकार की भूमिका में जाने से पहले, श्री आशीष कुमार ने सीआईएल के महत्वपूर्ण खनिजों में विविधीकरण का नेतृत्व किया। कोयला मंत्रालय के परियोजना सलाहकार के रूप में, कोयला क्षेत्र में व्यापार को आसान बनाने के लिए नीतिगत सुधारों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
अतिरिक्त सचिव कोयला मंत्रालय
सुश्री रूपिंदर बरार भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) की 1990 बैच की अधिकारी हैं। उन्होंने ली कुआन यू स्कूल ऑफ पब्लिक पॉलिसी, नेशनल यूनिवर्सिटी सिंगापुर से लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है और हिंदू कॉलेज, दिल्ली की पूर्व छात्रा हैं। सुश्री बरार ने मुंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री भी प्राप्त की है। कोयला मंत्रालय (एमओसी) में नियुक्ति से पहले, उन्होंने मुंबई और दिल्ली में मुख्य आयकर आयुक्त के रूप में कार्य किया है। आयकर आयुक्त के रूप में उन्होंने मुंबई में कार्य किया है और सीमा पार कराधान सहित बड़े कॉर्पोरेट कर आकलन के मामलों को संभाला है। वह ट्रांसफर प्राइसिंग और अंतर्राष्ट्रीय कर संबंधी मुद्दों को देखने वाले विवाद समाधान पैनल की सदस्य रही हैं। उन्होंने जुलाई 2019 से जून 2022 तक पर्यटन मंत्रालय में एडीजी पर्यटन के रूप में भी काम किया है और अक्टूबर 2019 से जून 2022 तक भारतीय पर्यटन विकास निगम लिमिटेड (आईटीडीसी) और इसकी सहायक कंपनी दिल्ली पर्यटन और परिवहन विकास निगम लिमिटेड के बोर्ड में नामित सरकारी निदेशक थीं। वर्तमान में वह कोयला ब्लॉक की नीलामी को संभालने वाली कोयला मंत्रालय की नामित प्राधिकारी भी हैं। वह सीआईएल की सहायक कंपनी सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड में सरकार के नामित निदेशक के रूप में निदेशक का पद संभालती हैं।
संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, एमओसी
श्री आशिम कुमार मोदी, भारतीय राजस्व सेवा (आईटी) (2000 बैच) के अधिकारी हैं और वर्तमान में भारत सरकार के कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार के पद पर कार्यरत हैं। वे कोल इंडिया लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसईसीएल के बोर्ड में अंशकालिक अधिकारी/सरकारी नामित निदेशक के रूप में भी कार्यरत हैं। श्री मोदी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली से सिविल इंजीनियरिंग में बी.टेक. की उपाधि प्राप्त की है। भारत सरकार के कोयला मंत्रालय में संयुक्त सचिव एवं वित्तीय सलाहकार के पद पर कार्यभार ग्रहण करने से पहले, उन्होंने आयकर विभाग में कोलकाता, मुंबई और दिल्ली में विभिन्न पदों पर कार्य किया।
श्री घनश्याम सिंह राठौर [डीआईएन 09615384] को स्वतंत्र निदेशक के रूप में कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में 1 मार्च 2023 से नियुक्त किया गया। उनका जन्म 19 जुलाई 1966 को हुआ और उन्होंने हिंदू कॉलेज, दिल्ली से कला में स्नातक की उपाधि पूरी की। उन्होंने हाई एल्टीट्यूड माउंटेन वारफेयर, रेडियो इंस्ट्रक्टर और पार्ट 'बी' में व्यवसायी सेना पाठ्यक्रम भी पूरा किया है और सेना में अपने कार्यकाल के दौरान श्रमशक्ति प्रबंधन और प्रशासन का प्रशिक्षण भी लिया था। उन्होंने अपने आजीविका के दौरान 42 आर्मर्ड रेजीमेंट में स्क्वाड्रन लीडर के रूप में काम किया और साथ ही उन्होंने तकनीकी संचालन में स्वतंत्र समूहों को नेतृत्व प्रदान किये। उन्होंने सैन्य विषयों, अधीनस्थ कर्मचारियों के प्रशासन और प्रबंधन पर वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी सलाह भी दी है। उनकी विशेषज्ञता और दक्षता के क्षेत्रों में प्रबंधन, प्रशासन और तकनीकी संचालन शामिल हैं।
श्री बी. राजेश चंदर [डीआईएन: 02065422] को 28 मार्च 2025 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में एक स्वतंत्र निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। इससे पहले वह 2 नवंबर 2021 से 1 नवंबर 2024 तक कोल इंडिया लिमिटेड बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत थे। श्री राजेश चंदर मैसूर के श्री जयचामाराजेंद्र कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से इंजीनियरिंग स्नातक हैं। श्री राजेश चंदर ने 2015 से 2017 की अवधि के दौरान कोयंबटूर टी ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। उन्होंने 1998 से 2020 तक हित्तक्कल एस्टेट टी फैक्ट्री में प्रबंध भागीदार के रूप में भी काम किया था। उन्होंने 2008 से 2020 की अवधि के दौरान ईशा फाउंडेशन में ट्रस्टी/सचिव का पद भी संभाला था। वह लॉरेंस स्कूल, लवडेल (शिक्षा मंत्रालय के अधीन) के बोर्ड ऑफ गवर्नर के सदस्य भी थे। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
सीए कामेश कांत आचार्य [डीआईएन- 09386642] को 28 मार्च 2025 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे 3 नवंबर 2021 से 1 नवंबर 2024 तक कोल इंडिया लिमिटेड बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत थे। सीए कामेश कांत आचार्य "द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया" के फेलो सदस्य (एफसीए) हैं। वे दिल्ली विश्वविद्यालय के लॉ फैकल्टी से लॉ ग्रेजुएट (एलएलबी) भी हैं। उन्हें वैधानिक ऑडिट, टैक्स ऑडिट, टैक्स प्लानिंग, सलाहकार, परियोजना वित्तपोषण, कॉर्पोरेट वित्त, फंड पुनर्गठन और कर और अन्य सरकारी विभागों के समक्ष प्रतिनिधित्व सहित पेशे के विभिन्न क्षेत्रों में 25 से अधिक वर्षों का विशाल अनुभव है वे आरबीआई, एसबीआई सहित बैंकों के साथ-साथ सार्वजनिक और निजी लिमिटेड कंपनियों, सहकारी समितियों और गैर-सरकारी संगठनों आदि के कामकाज से अच्छी तरह वाकिफ हैं। वे आचार्य गोयल एंड एसोसिएट्स सहित कई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स फर्मों से जुड़े रहे। वर्तमान में वे एएसकेएम एंड एसोसिएट्स में वरिष्ठ भागीदार हैं, जिसका कार्यालय नई दिल्ली और देहरादून (उत्तराखंड) में है। वे ‘कर समिति’ और ‘व्यावसायिक विकास समिति’ के सदस्य थे और “द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया” में अन्य प्रमुख पदों पर रहे। वे “द इंस्टीट्यूट ऑफ कंपनी सेक्रेटरीज ऑफ इंडिया” से भी जुड़े रहे। वे कई सामाजिक-सांस्कृतिक, धर्मार्थ, कल्याण संगठनों और बाजार-व्यापार संघों से जुड़े एक सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और प्रेरक वक्ता हैं। इसके अलावा, वे राजस्थान विद्यापीठ विश्वविद्यालय, राजस्थान की वित्त समिति
श्रीमती ममता पलारिया [DIN 07749007] को 28 मार्च 2025 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। उनके पास कुमाऊं विश्वविद्यालय से मास्टर डिग्री, बैचलर डिग्री और एलएलबी की डिग्री है। वह पेशे से वकील हैं और 1986 से सिविल कोर्ट, हल्द्वानी (उत्तराखंड) में प्रैक्टिस कर रही हैं। वह भारत वैगन एंड इंजीनियरिंग कंपनी लिमिटेड (2017-2020) और आईटीआई लिमिटेड (2021-2024) में स्वतंत्र निदेशक थीं। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
श्री पुनमभाई कलाभाई मकवाना [DIN: 09385881] को 28 मार्च 2025 से कोल इंडिया लिमिटेड के बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में फिर से नियुक्त किया गया है। इससे पहले वे 2 नवंबर 2021 से 1 नवंबर 2024 तक कोल इंडिया लिमिटेड बोर्ड में स्वतंत्र निदेशक के रूप में कार्यरत थे। वे 1978 से विज्ञान में स्नातक हैं। वर्तमान में वे एक उद्योगपति और कृषक हैं। वे राष्ट्रीय अनुसूचित जाति मोर्चा, भाजपा के कार्यकारी सदस्य, गुजरात सेनवा और रावत विकास संघ के अध्यक्ष और भाजपा गुजरात राज्य के कार्यकारी सदस्य रहे हैं। वे 2012 से 2017 तक दसदा विधानसभा (गुजरात) के विधायक, सरकार के संसदीय सचिव रहे। 2015 से 2017 तक गुजरात के, 2002 से 2004 तक भाजपा गुजरात प्रदेश के सचिव, 2010-2012 तक गुजरात अति पछत जाति विकास बोर्ड के अध्यक्ष, 2005 से 2007 तक जीआईडी इंजीनियरिंग एसोसिएशन, गांधीनगर के अध्यक्ष, 1985 में गुजरात सरकार की हाई पावर कमेटी के सदस्य, 1990 से 1994 तक भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा गांधीनगर (गुजरात) के अध्यक्ष। वे 1998 से 2002 तक गुजरात राज्य हथकरघा विकास निगम में निदेशक तथा 1982 से 1988 तक गुजरात राज्य नशाबंदी बोर्ड में निदेशक रहे। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।
श्री सत्यब्रत पंडा [DIN- 02736534] को 30.04.2025 से स्वतंत्र निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। श्री पंडा ने उत्कल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया है। वे पेशे से पत्रकार हैं और ओडिया भाषा में आर्थिक त्रैमासिक पत्रिका "भूमि" के संपादक हैं। श्री पंडा आईआईटी भुवनेश्वर के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के सदस्य भी हैं।
मुख्य सतर्कता अधिकारी, सीआईएल
श्री ब्रजेश कुमार त्रिपाठी, आईआरएसई, (1996 परीक्षा बैच) ने 16 नवंबर, 2022 को कोल इंडिया लिमिटेड, कोलकाता के मुख्य सतर्कता अधिकारी (सीवीओ) का पदभार ग्रहण किया। उन्होंने एमएनआरईसी, इलाहाबाद से अभियांत्रिकी (असैनिक) में स्नातक और आईआईटी, दिल्ली से प्रौद्योगिकी में स्नातकोत्तर किया। सीआईएल से जुड़ने से पहले उन्होंने पूर्व रेलवे के आसनसोल मंडल के अतिरिक्त मंडल रेल प्रबंधक (एडीआरएम) के प्रशासनिक पद पर कार्य किया। इससे पहले, पूर्व रेलवे में मुख्य सतर्कता अधिकारी (अभियांत्रिकी) के रूप में कार्य करते हुए उन्होंने कई सतर्कता सुधारों और प्रणाली सुधारों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
श्री त्रिपाठी को विभिन्न रेलवे परियोजनाओं के योजना बनाने, प्रारूरण और निष्पादन के साथ-साथ प्रमुख आधारभूत ढांचे के अनुरक्षण और संचालन में लगभग 25 वर्षों का व्यापक अनुभव है। उन्हें स्थापना, आय-व्ययक, निविदाओं और अनुबंध प्रबंधन आदि से संबंधित विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त है। उनके पास कोल इंडिया लिमिटेड का कोई शेयर नहीं है।